Explainer : अरमाडो वाहन क्या होते हैं इनको पाकर जम्मू-कश्मीर में सेना कितनी शक्तिशाली हो जाएगी

What is Armado vehicles : इस वाहन में 4-व्हीलर को पावर देने वाला 3.2-लीटर मल्टी-फ्यूल डीजल इंजन है जो 216 एचपी की अधिकतम शक्ति उत्पन्न करता है. एक 6-स्पीड स्वचालित गियरबॉक्स है जो समर्पित 4x4 सिस्टम के माध्यम से पहियों को शक्ति भेजता है.

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भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (LOC) से सटे राजोरी और पुंछ जिलों में हाल ही में सैन्य वाहनों पर हुए हमलों को देखते हुए 50 और एडवांस बुलेट प्रूफ वाहन भेजे गए हैं. इससे सेना को जंगल में छिपे आतंकियों का सफाया करने में काफी हद तक मदद मिलेगी. यह बुलेट प्रूफ लाइट स्पेशलिस्ट वाहन (ALSV) विशेष रूप से भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बनाए गए हैं. आज हम सबसे पहले जानेंगे कि अरमाडो वाहन क्या हैं और इनकी क्या खासियत है? इन वाहनों से सेना को किस प्रकार से मदद मिलेगी. 


अरमाडो वाहन क्या है?

यह भारत का पहला बख्तरबंद लाइट स्पेशलिस्ट वाहन (ALSV) है. यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स (MDS) द्वारा डिजाइन और निर्मित एक पूरी तरह से स्वदेशी वाहन है. यह एक मॉड्यूलर वाहन, इसका उपयोग आतंकवाद विरोधी अभियानों, खुले और रेगिस्तानी इलाकों में छापे और टोही मिशनों में किया जा सकता है. विशेष बल और त्वरित प्रतिक्रिया दल भी इसका उपयोग पारंपरिक संचालन, हथियार ले जाने, सीमा पर गश्त आदि के लिए कर सकते हैं. इसक वाहन कुछ खासियतें हैं भी हैं, जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं...

बख्तरबंद वाहन.

 

1. इस वाहन में एक ड्राइवर और 5 यात्री बैठ सकते हैं. यह वाहन 1,000 किलोग्राम भार क्षमता से अधिक का एएसएलवी और 400 किलोग्राम अन्य सामाग्री ले जाने में सक्षम है. इसमें B7 लेवल और STANAG लेवल-2 तक बैलिस्टिक सुरक्षा मिलती है. 

2. इसमें B7 लेवल और STANAG लेवल-2 तक बैलिस्टिक सुरक्षा मिलती है. इसका कवच राइफलों से आने वाली गोलियों से सुरक्षा प्रदान करता है. साथ ही एएसएलवी को बैलिस्टिक विस्फोटकों से चाहे वो (सामने, बगल और पीछे) से हो सभी तरफ से सुरक्षित है। 

3. इस वाहन में 4-व्हीलर को पावर देने वाला 3.2-लीटर मल्टी-फ्यूल डीजल इंजन है जो 216 एचपी की अधिकतम शक्ति उत्पन्न करता है. एक 6-स्पीड स्वचालित गियरबॉक्स है जो समर्पित 4x4 सिस्टम के माध्यम से पहियों को शक्ति भेजता है.

4. आर्माडो को 0 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने में सिर्फ 12 सेकंड लगते हैं, और 120 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से चलती है.

5. इस वाहन को भारतीय सेना के लिए महिंद्रा डिफेंस सिस्टम (MDS) ने बनाया है. यह कंपनी भारतीय सशस्त्र बलों के लिए बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करती है. कंपनी ने हाल ही में सेना के लिए मॉन्स्टर वाहन बनाया है, जिसे  महिंद्रा अरमाडो (Mahindra Armado) नाम दिया गया है. 

सेना को इन वाहनों की जरूरत क्यों पड़ी 

कश्मीर में राजौरी और पूंछ क्षेत्र पीर पंजाल की पर्वत श्रृंखला से सटा है जो दक्षिणी तरफ कश्मीर से घिरा है. राजौरी-पुंछ पहाड़ियां भी पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से निकलती हैं. पठारी कश्मीर घाटी की तुलना में यह आमतौर पर सुरक्षा प्रभुत्व के लिए अनुकूल नहीं है. यह क्षेत्र LOC (नियंत्रण रेखा) से लगा हुआ है. यहां छोटे नालों भी हैं. इनके सहारे आतंकी भारत की सीमा पर आसानी प्रवेश कर जाते हैं. पाकिस्तानी सेना और आईएसआई भारतीय सीमा के अंदर घुसपैठियों को भेजती है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व महानिदेशक शेष पॉल वैद ने मीडिया से कहा, "यह स्थलाकृति आतंकवादियों के लिए भारतीय सीमा में प्रवेश करना आसान बनाती है, फिर खतरा महसूस होने पर वे या तो वापस लौट जाते हैं या कश्मीर की ओर भाग जाते हैं.

बख्तरबंद वाहन.

 

अरमाडो दुर्गम इलाकों में आसानी से काम करता है

 भारतीय सेना इस वाहन से दुर्गम इलाकों में भी आराम से सफर तय कर सकती है. इसके अलावा ये वाहन युद्ध में के लिए सक्षम और सेना के लिए सुरक्षित है, क्योंकि इस व्हीकल के साथ वार में यूज किए जाने वाले उपकरण भी मिलते हैं. ये वाहन ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर और एंटी-टैंक डायरेक्टिव मिसाइलों से लैस है. इस वाहन की खूबी है कि इसको जंगलों-पहाड़ों, नदी नालों के कराब लेकर जाया जा सकता है. यहां आतंकियों के साथ इस वाहन के जरिए लड़ाई की जा सकती है. इस आतंकियों के खिलाफ सेना के ऑपरेशन्स में इन वाहनों का इस्तेमाल किया जाता है.

First Updated : Sunday, 31 December 2023
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