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जम्मू-कश्मीर में फिर तबाही... डोडा में बादल फटने से 4 लोगों की मौत, 10 से ज्यादा घर बह गए

जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के थाथरी में बादल फटने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा मकान तबाह हो गए, जबकि प्रशासन ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है.

Jammu Kashmir Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के थाथरी उप-मंडल में बादल फटने से भारी तबाही मची है. जिसमें अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 10 से ज्यादा मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं. अचानक आए फ्लैश फ्लड से इलाके में अफरातफरी का माहौल है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हो गए हैं.

बारिश का कहर अभी भी जारी है और प्रशासन ने शाम तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इससे राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो सकता है. नदियों और नालों में उफान के कारण पानी रिहायशी इलाकों में घुस चुका है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है.

पानी के तेज बहाव ने मचाई तबाही

थाथरी क्षेत्र में बादल फटने के बाद कई मकान पानी में बह गए और कुछ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए. अचानक आए सैलाब ने रास्ते में आने वाले पेड़ों और बाजारों को भी नुकसान पहुंचाया. वीडियो फुटेज में पानी का तेज बहाव साफ देखा जा सकता है. स्थानीय लोग अपने घरों से कीमती सामान निकालकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने को मजबूर हैं.

प्रशासन अलर्ट पर, राहत कार्य जारी

डोडा जिला प्रशासन ने प्रभावित गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया है. भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई सड़कों को बंद करना पड़ा है ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके. हालांकि लगातार खराब मौसम बचाव कार्य में बाधा डाल रहा है.

जम्मू-श्रीनगर हाईवे बंद

रामबन इलाके में भूस्खलन की वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. तवी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है और कई इलाकों में पानी घुस चुका है. प्रशासन ने नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है.

उत्तराखंड के धराली में भी बादल फटा था

इससे पहले उत्तराखंड के धराली में बादल फटने की घटना में 5 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और कई लापता हो गए थे. पूरे गांव में तबाही का मंजर छा गया था और राहत कार्य में जुटी टीमें घंटों जूझती रहीं.14 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती गांव में भी बादल फटने से भारी तबाही आई थी. यह गांव मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित है, जहां हजारों तीर्थयात्री मौजूद थे. अचानक आई बाढ़ ने घरों-दुकानों के साथ-साथ तीर्थयात्रियों के लिए लगाए गए लंगर को भी बहा दिया था. इस आपदा में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 300 से अधिक घायल हुए, जबकि 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं.

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26 August 2025, 02:23 PM IST

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