Chaitra Navratri 2024: नवरात्रि में इन पांच मंदिर में दिया जाता है मांस-मदिरा का प्रसाद, जानिए इसके पीछे की कहानी?
Chaitra Navratri 2024: देश में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में 9 से 17 अप्रैल 2024 तक देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाएगी.
Chaitra Navratri 2024: हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र पर्व चेत्र नवरात्रि की देश में शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में 9 से 17 अप्रैल 2024 तक देवी दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाएगी. इस खास मौके पर लोग मास-मछली , शराब का सेवन नहीं करते हैं और देवी मां की अराधना में लग जाते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि देश में कई ऐसे मंदिर है जहां देवी मां को शराब व मास मदिरा का भोग लगाया जाता है.
इस दौरान मंदिरों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है. आइए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताते देश के उन 5 मंदिरों के बारे में जहां देवी मां को मांस और मदिरा का भोग लगाया जाता है.
कोलकाता का काली मंदिर
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में देवी सती के पैर की उंगलियां गिरी थीं. यह मंदिर शक्तिपीठों में से एक है. यहां देवी मां को चटनी, पुलाव और खीर के साथ मांस का भोग लगाया जाता है.
उज्जैन का गढ़कालिका मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित गढ़कालिका मंदिर को महाकवि कालिदास की कुलदेवी माना जाता है. यहां देवी मां को मदिरा का भोग लगाने की परंपरा है.
गुवाहाटी का कामाख्या मंदिर
यह मंदिर तंत्र-मंत्र साधना के लिए विशेष रूप से जाना जाता है. यहां भी मां को मछली-मीट का भोग लगाया जाता है.
गोरखपुर का तरकुलहा देवी मंदिर
गोरखपुर के तरकुलहा देवी मंदिर में भी मांसाहार का भोग लगाया जाता है. इतना ही नहीं भक्तों को भी प्रसाद के रूप में मटन दिया जाता है.
उड़ीसा का विमला मंदिर
उड़ीसा के विमला मंदिर में दुर्गा पूजा के दौरान मार्कंडा मंदिर के तालाब से पकड़ी हुई मछली को पकाकर मां विमला देवी को भोग लगाया जाता है.