score Card

अल-फलाह यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग 17 के कमरा 13 में आतंकियों ने रची साजिश, जानें क्या था इरादा

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट केस की जांच में फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी साजिश का केंद्र पाई गई. चार डॉक्टरों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में बैठकर विस्फोट की योजना बनाई और 20 लाख रुपये जुटाकर 26 क्विंटल NPK खाद खरीदी.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः दिल्ली से करीब 45 किलोमीटर दूर फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी अब उस आतंकी साजिश का केंद्र बनकर सामने आई है, जिसने राजधानी को दहला दिया. बीते सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुई कार ब्लास्ट की जांच में खुलासा हुआ है कि विस्फोट की योजना इसी विश्वविद्यालय के भीतर रची गई थी.

इस हमले में कम से कम 13 लोगों की मौत हुई थी. जांच में पाया गया कि ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई हुंडई i20 कार को डॉ. उमर मोहम्मद चला रहे थे, जिनकी मौत मौके पर ही हो गई. अन्य तीन डॉक्टर डॉ. मुजम्मिल शकील, डॉ. अदील राथर और डॉ. शहीद सईद को पुलिस ने हिरासत में लिया है.

यूनिवर्सिटी कैंपस में बनी साजिश की योजना

सूत्रों के अनुसार, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के बिल्डिंग नंबर 17 के कमरा नंबर 13 में इन डॉक्टरों ने कई बार गुप्त बैठकें कीं. यही कमरा डॉ. मुजम्मिल का था, जहां दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सिलसिलेवार ब्लास्ट की साजिश रची गई. बताया जा रहा है कि 6 दिसंबर, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी वाले दिन, दिल्ली-एनसीआर में बड़े हमलों की योजना बनाई गई थी.

विस्फोटक सामग्री की खरीदारी

चारों आरोपियों ने मिलकर करीब 20 लाख रुपये जुटाए, जिसका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया गया. पूरी रकम डॉ. उमर के पास रखी गई, जिन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से 26 क्विंटल NPK खाद खरीदी. करीब 3 लाख रुपये की इस खरीद का मकसद इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) तैयार करना था. पुलिस को शक है कि यह खाद, अन्य रसायनों के साथ मिलाकर, ब्लास्ट में इस्तेमाल की गई थी.

रसायनों की तस्करी 

जांच में सामने आया कि आतंकियों ने विश्वविद्यालय की लैब से रासायनिक पदार्थों की चोरी की थी. ये रसायन बाद में फरीदाबाद के धौज और तागा गांवों में किराए के मकानों में रखे गए. ATS ने डॉ. मुजम्मिल के कमरे से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, पेन ड्राइव और दो डायरी बरामद की हैं, जिनमें कोडवर्ड्स और ऑपरेशन जैसे संदिग्ध शब्द लिखे थे. फोरेंसिक जांच में लैब से अमोनियम नाइट्रेट और अन्य रसायनों के अवशेष भी मिले हैं.

350 किलो अमोनियम नाइट्रेट की बरामदगी

फरीदाबाद और नूंह में छापेमारी के दौरान पुलिस ने 2,000 किलो से अधिक विस्फोटक सामग्री जब्त की है, इसमें 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट, फ्यूल ऑयल और अन्य रासायनिक यौगिक शामिल हैं, जिनका इस्तेमाल ANFO एक्सप्लोसिव बनाने में होता है. पुलिस का मानना है कि यह सारा सामान दिसंबर में होने वाले संभावित हमले के लिए जमा किया गया था.

अल-फलाह यूनिवर्सिटी का बयान

विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि संस्थान का इन डॉक्टरों से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है. प्रबंधन ने कहा ने हमारे दो फैकल्टी मेंबरों को जांच एजेंसियों ने हिरासत में लिया है, लेकिन विश्वविद्यालय का उनसे कोई निजी या संस्थागत जुड़ाव नहीं है. कुलपति भूपिंदर कौर अनन ने कहा कि कुछ रिपोर्टें जानबूझकर विश्वविद्यालय की साख को नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं.

जांच एजेंसियों की नजर में पूरा नेटवर्क

एनआईए और यूपी एटीएस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी का इस्तेमाल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी संगठनों ने कैसे किया. सुरक्षा एजेंसियां यह भी जांच रही हैं कि क्या अन्य शिक्षण संस्थानों में भी ऐसे नेटवर्क मौजूद हैं. इस पूरे मामले ने एक बार फिर शिक्षण संस्थानों में कट्टरपंथ की घुसपैठ पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

calender
13 November 2025, 01:25 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag