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यूपी एटीएस का बड़ा एक्शन, कानपुर से कश्मीर के छात्र को किया गिरफ्तार, डॉ. शाहीन से था संपर्क

दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट केस में यूपी एटीएस ने कानपुर से कश्मीरी मेडिकल छात्र डॉ. मोहम्मद आरिफ को हिरासत में लिया. वह मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन सईद से संपर्क में था, जिसकी कार से AK-47 और हथियार बरामद हुए थे.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

कानपुरः दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट मामले की जांच में एक और बड़ा मोड़ आया है. उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) ने बुधवार रात कानपुर से जम्मू-कश्मीर के एक मेडिकल छात्र डॉ. मोहम्मद आरिफ को हिरासत में लिया है. बताया जा रहा है कि आरिफ का नाम इस केस में पहले से गिरफ्तार महिला डॉक्टर, डॉ. शाहीन सईद के फोन रिकॉर्ड्स की जांच में सामने आया था. दोनों के बीच लंबे समय से संपर्क होने की संभावना जताई जा रही है.

डॉ. आरिफ कानपुर के अशोक नगर इलाके में किराए के मकान में रह रहा था और गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (GSVM) के कार्डियोलॉजी विभाग में पढ़ाई कर रहा था. वह NEET-SS 2024 बैच का छात्र है. एटीएस की टीम ने उसके फ्लैट की तलाशी ली और डिजिटल उपकरणों को कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है.

डॉ. शाहीन सईद टॉपर से आतंकी तक का सफर

रेड फोर्ट ब्लास्ट केस की मुख्य आरोपी डॉ. शाहीन सईद का अतीत बेहद चौंकाने वाला है. शाहीन लखनऊ के कंधारी बाजार इलाके की रहने वाली है. बचपन से ही मेधावी छात्रा रही शाहीन ने लालबाग के सरकारी स्कूल से 10वीं और 12वीं दोनों कक्षाओं में टॉप किया था. इसके बाद उसने CPMT परीक्षा पास कर प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की डिग्री हासिल की.

साल 2006 में वह UPPSC के माध्यम से GSVM मेडिकल कॉलेज, कानपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर बनी. 2009 में उसका ट्रांसफर कन्नौज मेडिकल कॉलेज हुआ, लेकिन कुछ महीनों बाद वह फिर से कानपुर लौट आई.

2013 के बाद शाहीन का जीवन अचानक बदल गया. वह महीनों तक कॉलेज से गायब रहने लगी. कई बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद उसने कोई जवाब नहीं दिया. अंततः 2021 में अनुशासनहीनता और गैरहाजिरी के आरोप में उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ाव

बर्खास्तगी के बाद शाहीन ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम शुरू किया. यहीं उसकी मुलाकात पुलवामा निवासी डॉ. मुजम्मिल गनई से हुई, जो बाद में रेड फोर्ट ब्लास्ट केस में फरीदाबाद मॉड्यूल का मुख्य आरोपी निकला. इसी दौरान शाहीन के विचारों में बदलाव आने लगा और वह धीरे-धीरे धार्मिक कट्टरपंथ की ओर झुकने लगी.

उसके पूर्व पति डॉ. जफर सईद ने बताया कि तलाक (2015) के बाद शाहीन ने परिवार से दूरी बना ली थी. वह मुस्लिम युवतियों को हिजाब और बुर्का पहनने की सलाह देने लगी थी, जबकि पहले वह आधुनिक सोच रखने वाली मानी जाती थी.

गिरफ्तारी के वक्त मिली AK-47 

फरीदाबाद मॉड्यूल के मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल की निशानदेही पर शाहीन को गिरफ्तार किया गया था. उसकी कार से AK-47 राइफल, पिस्टल, जिंदा कारतूस और कई संदिग्ध इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए गए थे. जांच एजेंसियों का मानना है कि शाहीन आतंकी संगठन जमात-उल-मोमिनात से जुड़ी हुई थी, जो जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की महिला विंग बताई जाती है.

ATS की जांच में बढ़ी हलचल

अब डॉ. मोहम्मद आरिफ की गिरफ्तारी ने जांच को और जटिल बना दिया है. सूत्रों के अनुसार, शाहीन और आरिफ के बीच कई संदिग्ध बातचीत और डिजिटल ट्रांजैक्शन के सबूत मिले हैं. एटीएस यह पता लगाने में जुटी है कि क्या आरिफ को भी आतंकी नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश की जा रही थी या वह पहले से इसका हिस्सा था.

अब आगे क्या?

डॉ. आरिफ से पूछताछ जारी है और एटीएस को उम्मीद है कि उससे फरीदाबाद मॉड्यूल और रेड फोर्ट ब्लास्ट केस के बड़े नेटवर्क की कड़ियां खुल सकती हैं. जांच एजेंसियां अब यह भी खंगाल रही हैं कि मेडिकल संस्थानों में इस नेटवर्क की घुसपैठ कितनी गहरी है.

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13 November 2025, 12:02 PM IST

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