म्यांमार-बांग्लादेश बॉर्डर पर बड़ी हलचल! ढाका में US एयरफोर्स ने जमाया डेरा, अब क्या करेंगे यूनुस?

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच अमेरिका की वायुसेना के 4 अधिकारी बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे हैं. जिनका मकसद एक भारी कार्गो विमान की तैयारियों की जांच करना है.

भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच अब बांग्लादेश से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. अमेरिका की वायुसेना (USAF) के 4 वरिष्ठ अधिकारी बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचे हैं. बताया जा रहा है कि उनका दौरा एक भारी कार्गो विमान के आगमन से पहले जरूरी तैयारियों की जांच के उद्देश्य से है. ये विमान म्यांमार बॉर्डर की ओर संवेदनशील सामग्री ले जाने वाला है, जिसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों में चिंता गहरा गई है.

8 मई को ये 4 सदस्यीय दल कतर एयरवेज की फ्लाइट OR-641 से ढाका के शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इन अधिकारियों का संबंध अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) से है और वे बांग्लादेश होते हुए म्यांमार में किसी मिशन को अंजाम देने की तैयारी में हैं.

कौन हैं ये अमेरिकी अधिकारी?

बांग्लादेश पहुंचे अधिकारियों में तारालिन एलेक्ज़ेंड्रिया स्ट्राइडर (लॉजिस्टिक्स डायरेक्टर), डेविड थॉमस रिफेनबर (DFS ग्रुप लिमिटेड के प्रोडक्ट सेल्स मैनेजर), माइकल कोडी थैकर (सीनियर डायरेक्टर ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड फ्लीट मैनेजमेंट) और स्टाफ सार्जेंट मार्टिन लुकास वैनूर्सडॉल का नाम शामिल है. नॉर्थईस्ट न्यूज़ की रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी अधिकारी ढाका के गुलशन इलाके के वेस्टिन होटल में ठहरे हुए हैं.

अल उदीद एयरबेस से जुड़े हैं अधिकारी

बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों के अनुसार, ये अमेरिकी अधिकारी कतर स्थित अल उदीद एयरबेस से संबंधित हैं, जो दोहा से करीब 65 किलोमीटर दूर है. ये एयरबेस अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) और ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स के 83वें ग्रुप का मुख्यालय है. यहां से अमेरिकी सेना इराक, अफगानिस्तान और सीरिया जैसे इलाकों में लॉजिस्टिक और इंटेलिजेंस ऑपरेशन्स को संचालित करती है. खास बात ये है कि अल उदीद में खाड़ी क्षेत्र का सबसे लंबा रनवे भी मौजूद है, जो इसे सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण बनाता है.

क्या म्यांमार भेजे जाएंगे खतरनाक हथियार?

सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में जो भारी कार्गो विमान ढाका पहुंचेगा, उसमें बड़े कंटेनर होंगे जिन्हें सड़क मार्ग से म्यांमार बॉर्डर तक पहुंचाया जा सकता है. आशंका है कि इनमें घातक हथियार हो सकते हैं, जिन्हें म्यांमार के विद्रोही गुटों को सौंपा जा सकता है. पिछले कुछ समय से रिपोर्ट्स आ रही थी कि अमेरिका, बांग्लादेश की सीमा के जरिए म्यांमार के विद्रोहियों को सैन्य मदद भेज रहा है. अगर ये हथियार अत्याधुनिक तकनीक वाले हुए, तो म्यांमार के गृहयुद्ध की दिशा में बड़ा बदलाव संभव है.

बांग्लादेश सेना प्रमुख की कतर यात्रा भी चर्चा में

3 मई को बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-ज़मां भी दो दिवसीय दौरे पर कतर पहुंचे थे. उनके साथ ऑर्डनेंस ऑर्गनाइज़ेशन डायरेक्टरेट के डायरेक्टर ब्रिगेडियर जनरल गुलाम मोहिउद्दीन अहमद भी थे. उन्होंने भी कतर एयरवेज की फ्लाइट QA-639 से यात्रा की थी. अब इन दोनों घटनाओं को जोड़कर देखा जा रहा है कि कहीं ये दौरा अमेरिकी मिशन से जुड़ा कोई समन्वय तो नहीं था.

सुरक्षा एजेंसियों में अलर्ट, बढ़ी निगरानी

ढाका में अमेरिकी अधिकारियों की मौजूदगी और भारी हथियारों के आशंका को देखते हुए बांग्लादेश की खुफिया एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है. स्थानीय सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, ये अधिकारी तब तक ढाका में रहेंगे जब तक कार्गो विमान अपने गंतव्य पर पहुंच नहीं जाता. माना जा रहा है कि अगर इस मामले में किसी अंतरराष्ट्रीय नियम का उल्लंघन होता है तो ये दक्षिण एशिया में बड़ा कूटनीतिक विवाद खड़ा कर सकता है.

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10 May 2025, 02:41 PM IST

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