आषाढ़ मास..घर में ही स्नान करने से मिलता है तीर्थ का पुण्य
आषाढ़ माह की शुरूआत हो गई है। इस माह दान देने के साथ ही किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का भी महत्व हमारे धर्मशास्त्रों में बताया गया है।
आषाढ़ माह की शुरूआत हो गई है। इस माह दान देने के साथ ही किसी पवित्र नदी या सरोवर में स्नान करने का भी महत्व हमारे धर्मशास्त्रों में बताया गया है। यह भी उल्लेख मिलता है कि यदि किसी पवित्र तीर्थ स्थान पर नदी या सरोवर में स्नान करने के लिए नहीं जा सकते है तो घर में ही सूर्योदय के पूर्व शुद्ध जल से स्नान करने से तीर्थ का पुण्य प्राप्त हो जाता है।
इसलिए जो श्रद्धालु कहीं स्नान के लिए नहीं जा सकते है वे घर में ही स्नान कर इस आषाढ़ माह का पुण्य ले सकते है। ज्योतिषियों के अनुसार वैसे तो इस माह में तीर्थ स्नान, जप पाठ व दान का विशेष महत्व है लेकिन घर में ही स्नान के साथ दान करने का भी विधान बताया गया है। आषाढ़ माह में भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए हर दिन माता लक्ष्मी की भी पूजा करना चाहिए, ऐसा करने से निश्चित ही मनोकामनाएं पूरी होती है।
क्या करें दान इस माह
वैसे तो यथाशक्ति दान करना चाहिए लेकिन जो श्रद्धालु इस माह में निर्धारित दान करते है, उन्हें दुगना फल अवश्य ही मिलता है। इस माह पानी के साथ ही नमक, छाता और आंवले फल का दान दिया जाना चाहिए। हो सके तो भूखे को भरपेट भोजन भी कराकर पुण्य लाभ लिया जा सकता है।