मंदिर से लौटते वक्त 6 साल के मासूम को बाघ ने बनाया निशाना, मां के सामने हुई दिल दहला देने वाली घटना

राजस्थान के सवाई माधोपुर के त्रिनेत्र गणेश मंदिर में बाघ ने 6 साल के बच्चे को उठाकर मार डाला, जिससे इलाके में दहशत फैल गई. लोगों ने वन विभाग की लापरवाही पर सवाल उठाए और सुरक्षा पर सख्त कार्रवाई की मांग की.

राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर उस समय भय और शोक का केंद्र बन गया, जब एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया. मंदिर से दर्शन कर लौट रहे एक मासूम बच्चे को बाघ ने अपनी चपेट में ले लिया और उसे उठाकर जंगल की ओर ले गया. ये घटना दोपहर करीब 3 बजे की है और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाघ काफी तेजी से झाड़ियों से निकला और किसी को संभलने का मौका तक नहीं मिला.

बाघ के हमले में 6 साल के बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई है. घटना के बाद से ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी और गहरा आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों ने वन विभाग की लापरवाही पर सवाल खड़े किए हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंता जताई है.

'भीड़ के बीच से बच्चे को उठा ले गया बाघ'

घटना को लेकर एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि हम सभी दर्शन करके मंदिर से लौट रहे थे. तभी झाड़ियों से अचानक एक बाघ निकला और झपट्टा मारते हुए भीड़ के बीच से एक बच्चे को उठाकर भाग गया. बच्चा अपनी मां के साथ मंदिर आया था और उसके ठीक बगल में चल रहा था. लोगों ने शोर मचाया, लेकिन बाघ बिना रुके जंगल की तरफ चला गया.

वन विभाग ने की पुष्टि

वन विभाग की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर बाघ की तलाश शुरू की. अधिकारियों ने बताया कि बाघ जंगल के भीतर एक स्थान पर बैठा था और उसने बच्चे की गर्दन पर पंजा रखा हुआ था. ये स्थिति बेहद संवेदनशील और खतरनाक थी. अत्यंत सावधानी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन तब तक बच्चे की जान जा चुकी थी. घटना के बाद वन विभाग ने तुरंत त्रिनेत्र गणेश मंदिर की ओर जाने वाले सभी मार्गों को बंद कर दिया है. हमला अमराई वन क्षेत्र के पास हुआ है, जिसे अब हाई अलर्ट पर रखा गया है. श्रद्धालुओं और आम नागरिकों से जंगल की ओर ना जाने की अपील की गई है. ये क्षेत्र रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सटा हुआ है, जिससे जानवरों की आवाजाही संभव है.

प्रशासन पर उठे सवाल

इस दर्दनाक हादसे के बाद श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में भय का माहौल है. कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब ये इलाका संरक्षित है और यहां भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं किए गए? लोगों ने वन विभाग और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

क्या है प्रशासन की अगली कार्रवाई?

वन विभाग और जिला प्रशासन ने इस घटना को अत्यंत गंभीर मानते हुए उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है. मंदिर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस प्रकार की घटना ना हो, इसके लिए तुरंत आवश्यक कदम उठाए जाएं. इसके साथ ही, पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है.

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16 April 2025, 06:39 PM IST

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