बंगाल विधानसभा में हंगामा, भाजपा और टीएमसी विधायकों में हुई मारपीट
बीरभूम नरसंहार को लेकर विधानसभा में लगातर इस मुद्दे को लेकर हंगामा चल रहा है। सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में मर्यादा की सारी सीमाएं पार हो गई है। विधानसभा सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के विधायक मारपीट पर उतर आए। इस दौरान दोनों दोनों पर्टियों के विधायकों के बीच मारपीट और धक्कामुक्की हुई।
बीरभूम नरसंहार को लेकर विधानसभा में लगातर इस मुद्दे को लेकर हंगामा चल रहा है। सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में मर्यादा की सारी सीमाएं पार हो गई है। विधानसभा सत्र के दौरान तृणमूल कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के विधायक मारपीट पर उतर आए। इस दौरान दोनों दोनों पर्टियों के विधायकों के बीच मारपीट और धक्कामुक्की हुई।
इस घटना के बाद नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि टीएमसी के विधायक शौकत मोल्ला व सत्ता पक्ष के कई अन्य विधायकों ने विधानसभा के सुरक्षाकर्मियों के साथ मिलकर भाजपा विधायकों पर हमला किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा के कपड़े फाड़े गए। जबकि विधायक नरहरि महतो को जमीन पर गिरा दिया। इसके अलाव नौकरानी से विधायक चंदना बाउरी ने आरोप लगाया है कि सत्ता पक्ष के किसी विधायक ने उनकी पीठ पर वार किया है। वहीं दूरी ओर भाजपा की विधायक शिखा चटर्जी ने बताया कि इस दौरान किसी ने उन्हे थप्पड़ जड़े है।
आज सुबह से ही विधानसभा का सत्र विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी थी। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी से बीरभूम नरसंहार को लेकर सवाल किया। अधिकारी ने सवाल किया कि सरकारी तौर पर मदद की घोषणा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा से बाहर क्यों की? उन्होंने कहा कि संवैधानिक नियम यही है कि जब विधानसभा चलती है तो मुख्यमंत्री समेत अन्य मंत्रियों को सरकारी फैसलों की जानकारी सबसे पहले सदन में देनी होती है।
दरअसल, बीरभूम नरसंहार के पीड़ितों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परिवार से किसी एक सदस्य को नौकरी और पांच-पांच लाख रुपये की मदद की घोषणा की है। इसके अलावा आग से जल चुके मकानों की मरम्मत के लिए दो-दो लाख रुपये की अतिरिक्त मदद की भी घोषणा घटनास्थल पर पहुंचकर की थी। इसे लेकर सोमवार को विधानसभा में हंगामा हुआ।