Lok Sabha Election 2024: आगामी आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अपनी पार्टी के लिए निर्धारित 370 सीटों का लक्ष्य हरियाणा और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रबंधकों के लिए कुछ घबराहट पैदा कर रहा है. दोनों राज्यों में, भाजपा ने 2019 में सभी लोकसभा सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है लेकिन, वोट से लगभग 50 दिन पहले, आंतरिक सर्वेक्षण से कयास लगाया जा रहा है कि पार्टी को हरियाणा में पांच सीटों और छह सीटों पर कड़ी टक्कर मिल सकती है.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी के प्रबंधकों ने जिन सीटों पर मुहर लगाई है, उनमें हरियाणा की 10 सीटों में से रोहतक, सोनीपत, सिरसा, हिसार और करनाल शामिल हैं. राजस्थान में एक आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य की 25 सीटों में से बाड़मेर, चूरू, नागौर, दौसा, टोंक और करौली चुनौती खड़ी कर सकती हैं.
1. लोकसभा चुनाव में हरियाणा और राजस्थान में बीजेपी को चुनौती मिलने का सबसे बड़ा कारण जाट वोटों का अलगाव है जो कुल वोटों का लगभग एक तिहाई है. जाटों के गुस्से का अंदाजा उनके प्रतिनिधि बीरेंद्र सिंह और उनके बेटे बृजेंद्र सिंह के पार्टी से बाहर होने से लगाया जा सकता है. लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह अग्निपथ योजना को लेकर लोग सरकार से बेहद नाराज है.
2. वहीं हरियाणा की सिरसा सीट से बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा रहा है. गुरुवार को सिरसा में बीजेपी की गाड़ी पर पथराव और लाठियों से हमला करने का वीडियो वायरल हुआ. जबकि तंवर ने कहा कि वह कार में नहीं थे, पार्टी सहयोगियों ने कहा कि हमले से कुछ समय पहले वह वाहन में थे.
3. पिछले विधानसभा चुनाव में, जाटों के समर्थन की कमी को पूरा करने के लिए इस वोट को एकजुट करने का पार्टी का प्रयास बहुत प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सका और पार्टी पिछड़ गई. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यही वजह है कि पार्टी को नया मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मिला है, जो खुद ओबीसी हैं.
4. इस चुनाव में बीजेपी के सामने कई चुनौती है जिस पर खड़ा उतरना कठिन है. क्योंकि किसान लंबे समय से एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे है लेकिन सरकार उनके मांग को हर बार नजरअंदाज कर दिया गया है. ऐसे में किसानों ने 11 सावलों की एक लिस्ट तैयार की और वोट मांगने आ रहे भाजपा प्रत्याशी से यही सवाल पूछ रहे हैं.
5. इन सीटों पर बहुमत पाने के लिए पीएम मोदी खुद दौरा कर रहे हैं. गुरुवार को उन्होंने राजस्थान के करौली का दौरा किया, जो एक आरक्षित सीट है जहां भाजपा पहली बार एक जाटव को मैदान में उतार रही है. भाजपा को उम्मीद है कि जाटव समुदाय को कांग्रेस से दूर किया जा सके.
6.चूरू में भाजपा के मौजूदा सांसद राहुल कस्वां टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस में शामिल हो गए. वहीं, बाड़मेर में पार्टी ने जिस शख्स को मैदान में उतारा है, उससे राजपूत वोट बैंक नाराज हैं.
7. वरिष्ठ नेता सतीश पूनिया, जिन्हें खुद टिकट से वंचित कर दिया गया था, उन्होंने बताया कि चिंताएं हो सकती हैं, लेकिन भाजपा इन सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित है. उन्होंने कहा “जैसे-जैसे चुनाव करीब आएंगे, ये सभी चिंताएं खत्म हो जाएंगी और लोग भाजपा को वोट देने के लिए एक साथ आएंगे. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं.” First Updated : Saturday, 13 April 2024