Lok Sabha Election 2024: किशोरी लाल शर्मा के बजाय प्रियंका से अपना मुकाबला क्यों मानती हैं स्मृति ईरानी?
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में इस वक्त सबसे ज्यादा अगर किसी सीट की चर्चा है तो वह है अमेठी और रायबरेली सीट. इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. पहली बार इस सीट पर गांधी परिवार चुनाव नहीं लड़ रहा हैं.
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में इस वक्त सबसे ज्यादा अगर किसी सीट की चर्चा है तो वह है अमेठी और रायबरेली सीट. इसे कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. पहली बार इस सीट पर गांधी परिवार चुनाव नहीं लड़ रहा हैं. वहीं, इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी काफी देर से हुई थी. इस सीट बीेजपी की उम्मीदवार स्मृति इरानी है. तो कांग्रेस ने इस सीट पर अपने विश्वनीय किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है. लेकिन इस सीट से स्मृति इरानी प्रियंका गांधी को अपना प्रतिद्वंद्वी मानती हैं. तो आइए जानते हैं कि आखिर केंद्रीय मंत्री ने ऐसा क्यों कहा.
दरअसल केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि “मेरी प्रतिद्वंद्वी प्रियंका वाड्रा हैं, वह मंच के पीछे से लड़ रही हैं. कम से कम भाई तो सामने था. 2014 में भी राहुल 1.07 लाख वोटों के अंतर से जीते थे.वो भी मुलायम सिंह की मदद से'' आगे उन्होंने कहा कि मैं बच्चों वाली राजनीति में नहीं पड़ना चाहती. आगे उन्होंने कांग्रेस पर अतीत में अमेठी में बूथ कैप्चरिंग और राजनीतिक हिंसा के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि इन घटनाओं पर कोई भी रिपोर्ताज न हो. उन्होंने यह भी दावा कर दिया कि भाजपा सांसद मेनका गांधी पर 'कांग्रेस के गुंडों' ने हमला कर दिया था. बातचीत में उन्होंने कहा, 'अमेठी में राजीव गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ना आसान नहीं रहा होगा और इसके बाद उनपर कांग्रेस के गुंडों ने हमला कर दिया था.
बता दें कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भले ही चुनाव नहीं लड़ रही हैं. लेकिन वह दो सीटों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार कर रहे हैं. अमेठी और रायबरेली दोनों ही सीटों पर गांधी परिवार का ही कब्जा रहा हैं. जबकि सोनिया गांधी, अमेठी की पूर्व सांसद हैं, और उन्होंने रायबरेली से लगातार पांच चुनाव जीते हैं, राहुल गांधी ने 2004 में अमेठी से अपनी शुरुआत की, और दो और बार जीत हासिल की, लेकिन 2019 में भाजपा के ईरानी से हार गए, पांच बार वर्षों बाद वह उनसे उपविजेता रही. हालांकि, तत्कालीन कांग्रेस प्रमुख ने केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, और इस तरह संसद सदस्य बने रहे.