1 मिनट में 60,000 फीट! दुश्मन को चौंकाने वाली रफ्तार से उड़ता है राफेल जेट
पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत का राफेल लड़ाकू विमान एक बार फिर सुर्खियों में है. यह फ्रांस से खरीदा गया हाईटेक फाइटर जेट 2020 में भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ और अब रणनीतिक शक्ति का अहम हिस्सा बन चुका है. राफेल की सबसे बड़ी खासियत इसकी स्पीड, ऊंचाई पर उड़ने की क्षमता और तकनीकी दक्षता है.

पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत की वायु शक्ति का सबसे भरोसेमंद नाम एक बार फिर चर्चा में है—राफेल जेट. ये वही लड़ाकू विमान हैं जिन्हें भारत ने फ्रांस से खरीदा और 2020 में भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया गया. 36 राफेल विमानों की यह खेप अब वायुसेना की रणनीतिक शक्ति का अहम हिस्सा बन चुकी है.
इन विमानों की ताकत सिर्फ उनकी मारक क्षमता तक सीमित नहीं है, बल्कि इनकी रफ्तार, ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता और तकनीकी दक्षता ऐसे हैं कि यह किसी भी दुश्मन के होश उड़ा सकते हैं. आइए जानें राफेल से जुड़ी कुछ अहम बातें जो इसे बाकी फाइटर जेट्स से अलग बनाती हैं.
राफेल की स्पीड है ध्वनि से 1.8 गुना तेज
राफेल जेट की अधिकतम रफ्तार 2,222 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह रफ्तार ध्वनि की गति से लगभग 1.8 गुना अधिक है, जो इसे दुश्मन के ठिकानों तक बेहद कम समय में पहुंचने लायक बनाती है.
एक मिनट में छू लेता है 60 हजार फीट की ऊंचाई
राफेल की चढ़ाई की रफ्तार भी बेमिसाल है. यह मात्र एक मिनट में 60,000 फीट तक की ऊंचाई हासिल कर सकता है, जो इसे ऊंचाई से आक्रमण करने में बेहद प्रभावशाली बनाता है.
कितनी है राफेल की ईंधन खपत?
सामान्य क्रूज़िंग मोड में राफेल जेट करीब 2,500 लीटर ईंधन प्रति घंटे की दर से खपत करता है. वहीं अगर यह युद्ध के हालात में आफ्टरबर्नर के साथ उड़ान भर रहा हो, तो यह खपत 9,000 लीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है.
आकार और डिजाइन में भी अव्वल
राफेल जेट की लंबाई 15.30 मीटर और ऊंचाई 5.30 मीटर है. इसका एयरोडायनामिक डिजाइन इसे हवा में अत्यधिक स्थिरता और नियंत्रण प्रदान करता है.
कितनी है एक राफेल की कीमत?
भारत ने जो राफेल जेट खरीदे हैं, उनमें से हर एक की कीमत करीब 135 मिलियन डॉलर है. यह कीमत इसके अत्याधुनिक तकनीकी फीचर्स और मल्टी-रोल क्षमताओं को देखते हुए पूरी तरह जायज है.
राफेल से भारत की वायुसेना को मिली रणनीतिक बढ़त
राफेल की तैनाती से भारत को केवल तकनीकी बढ़त ही नहीं, बल्कि रणनीतिक मोर्चे पर भी एक मजबूत हथियार मिल गया है. इसकी तेज रफ्तार, ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता और अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम के कारण यह किसी भी सैन्य मिशन के लिए उपयुक्त है.