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यूपी: रात के अंधेरे में मौत का मलबा, टुंडला में रेलवे ब्रिज गिरने से चीख-पुकार और हाहाकार मच गया

फ़िरोज़ाबाद के टुंडला क्षेत्र में गुरुवार रात अचानक बन रहा रेलवे पुल ढह गया। दर्जनों मज़दूर मलबे में दब गए। रेस्क्यू टीम ने जेसीबी से मलबा हटाकर घायलों को अस्पताल पहुँचाया।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

National News: गुरुवार देर रात फ़िरोज़ाबाद के टुंडला इलाके में बन रहा रेलवे ओवरब्रिज अचानक भरभराकर गिर पड़ा। घटना के समय 16 से 18 मज़दूर काम कर रहे थे, जिनमें से 12 मलबे में फँस गए। चीख-पुकार सुनकर स्थानीय लोग भागे-भागे मौके पर पहुँचे। जेसीबी मशीनों से राहत कार्य शुरू हुआ। एक-एक कर मज़दूरों को बाहर निकाला गया। कई मज़दूर गंभीर हालत में मिले और एम्बुलेंस से एफ.एच. मेडिकल कॉलेज भेजे गए। परिवारजन अस्पताल पहुँचे तो वहां अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

हादसे के बाद ठेकेदार लापता

हादसे के तुरंत बाद पुल निर्माण का जिम्मा संभाल रहे ठेकेदार का कोई पता नहीं चला। स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्य में लापरवाही का आरोप लगाया। सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े हुए। पुलिस ने कहा कि फिलहाल बचाव कार्य प्राथमिकता है, लेकिन इसके बाद जिम्मेदार लोगों पर सख़्त कार्रवाई होगी। अधिकारियों ने श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

यूपी में हादसों की कड़ी

फ़िरोज़ाबाद हादसा ऐसे वक्त में हुआ जब प्रदेश में लगातार दर्दनाक घटनाएं हो रही हैं। कुछ दिन पहले फर्रुख़ाबाद के एक कोचिंग सेंटर में धमाके से दो छात्रों की मौत हुई थी। कानपुर में मस्जिद के पास विस्फोट और अयोध्या में धमाके ने पांच लोगों की जान ले ली। इन घटनाओं से लोगों का गुस्सा भड़क गया है। अब पुल ढहने की त्रासदी ने सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सुरक्षा मानक क्यों टूट रहे हैं।

यात्रा मार्ग बदले गए

पुल के गिरते ही रेलवे और पुलिस प्रशासन हरकत में आ गए। यात्रियों को दीपाचौराहा से ईस्ट गेट अंडरपास होकर भेजा गया। हादसे वाली जगह को पूरी तरह सील कर दिया गया। आसपास यातायात बंद कर दिया गया ताकि भीड़ न जुटे। अधिकारियों ने कहा कि जब तक सुरक्षा जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई यातायात बहाल नहीं होगा। लोगों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी गई।

बड़े अधिकारी मौके पर

जैसे ही हादसे की खबर फैली, जिला प्रशासन और रेलवे के आला अफसर मौके पर पहुँच गए। डीएम रमेश रंजन, एसएसपी सौरभ दीक्षित, एडीएम विशु राजा, एसडीएम अंकित वर्मा समेत वरिष्ठ अधिकारी पूरी रात राहत कार्य की निगरानी करते रहे। जेसीबी मशीनें लगातार मलबा हटाती रहीं। अधिकारी घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचाने का निर्देश देते रहे। इससे लोगों को कुछ भरोसा मिला, लेकिन ग़ुस्सा और डर बना रहा।

सुरक्षा पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निर्माण में निगरानी बेहद ढीली थी। लापरवाही और तकनीकी खामियां इस दुर्घटना की वजह बनीं। विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि लगातार हादसों का कारण कमज़ोर सुपरविजन और जिम्मेदारी की कमी है। अब मांग उठी है कि ठेकेदार और इंजीनियर पर तुरंत केस दर्ज हो और दोषियों को सज़ा मिले।

जवाबदेही और सख़्ती ज़रूरी

फ़िरोज़ाबाद ब्रिज हादसे ने एक बार फिर चेतावनी दी है कि जब तक निर्माण कार्यों पर सख़्त निगरानी नहीं होगी, ऐसे हादसे रुकेंगे नहीं। उत्तर प्रदेश में विकास परियोजनाएं तेज़ी से चल रही हैं, लेकिन मज़दूरों और यात्रियों की सुरक्षा की कीमत पर विकास अधूरा है। लोगों ने सरकार से गुहार लगाई है कि सुरक्षा जांच अनिवार्य की जाए, वरना हर नया प्रोजेक्ट लोगों की जान पर भारी पड़ेगा।

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09 October 2025, 11:03 PM IST

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