Janmashtami special: जानें, कृष्ण नगरी कहे जाने वाली मथुरा में कैसे मनाई जाती है जन्माष्टमी?

Janmashtami special: इसी को सिद्ध करने के लिए पूजार्चना की जाती है.जन्माष्टमी के अवसर पर रात्रि को कृष्ण मंदिरों में विशेष तौर पर देवी-देवताओं की आराधना, गान, नृत्य की जाती है. इसके साथ ही......

Poonam Chaudhary
Poonam Chaudhary

Janmashtami special: मथुरा में कृष्ण जन्माष्टमी को बड़ी धूमधाम और आनंद के साथ मनाया जाता है . यह त्योहार श्री कृष्ण जन्मस्थल श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर में भी मनाया जाता है. यहां परवे जातक ज्योति विजय मुद्रायां तत्‌परम्‌ भवति।। जिसका अर्थ होता है कि जिसका ज्योति विजय के लिए संकल्प हो, वही मान्य होता है.

इस विशेष पर्व पर गांधर्व गान, मंगलाचरण, आरती, प्रासाद, भंग, नृत्य, रंगारंगी, संध्या आरती आदि की पांच दशाओं की सार्वजनिक पूजा की जाती है. ज्ञानात् यदा त्विशयं ज्योतिः पथ विजय हेतोः।। जिसका अर्थ होता है कि ज्ञान की आधिष्ठान ज्योति को विजयी बनाने के लिए तात्पर्य संसार में ज्ञान के प्रश्नों का निराकरण मोक्षका वेद न तीव्रतया समिन्धत्ते।।

Janmashtami special
Janmashtami special

इसी को सिद्ध करने के लिए पूजार्चना की जाती है. पूजा में मोटियों , फूलों, लौंग आदि का छिड़काव भी किया जाता है और इसे पूरण करने के बाद भोग उपचार के बाद प्रासाद के रूप में खाया जाता है.
 
इसके अलावा यहां पर्व के दिन लोग विभिन्न मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं. प्रमुखतः श्री कृष्ण जन्मस्थल मंदिर और बांके बिहारी मंदिर में भक्तजन इस अवसर पर खास पूजा-अर्चना और आरती करते हैं.

दिनभर में भक्तजन सुंदर-मूर्तियों का दर्शन करते हैं और उन्हें फूल, बांसुरी, मुखटे आदि से सजाते हैं. इसके बाद भगवान की प्रसाद के रूप में माखन-मिश्री, पेड़े, लड्डू, पाग, ठाली आदि खाने योग्य वस्त्र और आहार लोगों को बांटे जाते हैं.

जन्माष्टमी के अवसर पर
जन्माष्टमी के अवसर पर

रात्रि को भी भक्तजन विशेष आयोजनों करते हैं, जहां भजन-कीर्तन की गायन सांगेतिक रूप से होती है. कृष्ण कथा की पाठशाला भी संचालित की जाती है, इसमें श्रीमद्भगवद्गीता की चर्चा और श्री कृष्ण के लीला-कथाओं का समर्पण श्रद्धापूर्वक किया जाता है.

जन्माष्टमी के अवसर पर रात्रि को कृष्ण मंदिरों में विशेष तौर पर देवी-देवताओं की आराधना, गान, नृत्य की जाती है. इसके साथ ही आपस में मिठास भी बढ़ाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं.

जन्माष्टमी के पश्चात्‌ श्री कृष्ण जन्मस्थल मंदिर में एक बड़ी प्रसाद सभा का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग एक साथ खाना खाते हैं और हरे कृष्ण महिमा की गाथा गाते हैं.


 

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02 September 2023, 12:48 PM IST

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