कैसे रची गई थी पुलवामा अटैक की साजिश विस्फोटक सामग्री से भरे वाहन ने मारी थी टक्कर... घटना में 40 जवान हुए थे शहीद

Pulwama Attack Anniversary: पुलवामा अटैक के आज पांच वर्ष पूरे हो गए हैं, देश आज भी उस घटना को याद करता है तो रूंह कांप जाती है, हमले के बाद जब इसकी सूचना पूरे भारत में फैली थी तो देशवासियों के मन में शौक की लहर दौड़ गई थी.

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Pulwama Attack Anniversary: पुलवामा अटैक के पांच वर्ष पूरे हो गए हैं, 14 फरवरी 2019 की दोपहर 3:00 बजे जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने विस्फोटक सामग्री से भरे ट्रक को ले जाकर  श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाईवे पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को टक्कर मार दी थी. आतंकियों द्वारा निशाना बनाकर किए गए हमले में देश के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद देश में दुख की लहर दौड़ गई थी. 

ऐसे दिया गया था घटना को अंजाम

14 फरवरी की सुबह 78 बसों का काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर रवाना हुआ था, इस दौरान काफिले में 2500 जवान शहीद हुए थे. बताया जाता है कि आतंकी आदिल अहमद डार के पास इसकी जानकारी थी कि काफिला पुलवामा से गुजरने वाला है और वह एक विस्फोटक से भरी कार को लेकर जवानों के काफिले के बीच घुस गया. इस कार में करीब 100 किलो आरडीएक्स था. उस दौरान विस्फोटक कार का धमाका इतना तेज था कि काफिले की सभी गाड़ियों के शीशे चटक गए थे. बहुत से जवान घायल हो गए थे. सीआरपीएफ की 76वीं बटालियन के 40 वीर सपूत शहीद हो गए थे. 

पाकिस्तान सरकार की एजेंसी में हमले में शामिल

यह धमाका इतना उस वक्त इतना खतरनाक था कि देखने वाले लोग सिहर गए थे, घटना की जांच खूफिया एजेंसी एनआईए को सौंपी थी. एजेंसी ने अपनी जांच में पाया कि आईएसआई और पाकिस्तान सरकार की एजेंसियों की मिलीभगत से ही यह पूरा प्लान तैयार किया गया था. इसका सबसे मुख्य दोषी मसूद अजहर को बताया गया था. एनआईए ने अपनी चार्जशीट बताया कि कैसे पाकिस्तान से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री भारत में गई और यहीं पर अमोनियम नाइट्रेट और नाइट्रो ग्लिसरीन के साथ मिलाकर इतना बड़ा हमला किया. 

First Updated : Wednesday, 14 February 2024