आज खत्म होगा इंतजार! Axiom-4 मिशन लॉन्चिंग की तैयारी, SpaceX ने कहा- 90% मौसम अनुकूल
एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग में कई बार देरी हुई. पहले खराब मौसम के कारण इसे टालना पड़ा, फिर स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट में तकनीकी जांच और अंततः अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल में लीक की वजह से मिशन को स्थगित किया गया था.

काफी लंबे इंतज़ार और बार-बार की देरी के बाद आखिरकार बुधवार को भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य यात्रियों को लेकर Axiom-4 मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने को तैयार है. स्पेसएक्स ने पुष्टि की है कि इस मिशन के लिए आज मौसम 90% तक अनुकूल है और तकनीकी दृष्टि से सभी सिस्टम ठीक काम कर रहे हैं.
स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी कि “Ax-4 मिशन के लिए बुधवार को सभी तकनीकी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं और मौसम भी बेहद अनुकूल है.” यह एक प्राइवेट क्रू मिशन है जो NASA, SpaceX और Axiom Space की साझेदारी में हो रहा है.
कैनेडी स्पेस सेंटर से होगा मिशन लॉन्च
यह मिशन फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से बुधवार दोपहर 12:01 बजे (भारतीय समयानुसार) फाल्कन-9 रॉकेट के ज़रिए लॉन्च किया जाएगा. लॉन्च के बाद चारों अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के आधुनिक ड्रैगन यान में ISS की ओर रवाना होंगे.
नासा के अनुसार, स्पेस यान की डॉकिन्ग गुरुवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे के आसपास हो सकती है. इस ऐतिहासिक मिशन की कमान NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और अब Axiom Space की ह्यूमन स्पेसफ्लाइट डायरेक्टर पैगी व्हिटसन संभालेंगी.
भारतीय गौरव शुभांशु शुक्ला होंगे मिशन के पायलट
इस मिशन में भारत के इसरो (ISRO) से प्रशिक्षित अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभा रहे हैं. शुभांशु के अंतरिक्ष में जाने से भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिलने की उम्मीद है. उनके साथ मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में पोलैंड के ईएसए प्रोजेक्ट के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के HUNOR प्रोग्राम के टिबोर कपू भी शामिल हैं.
देरी के पीछे तकनीकी और मौसम संबंधी कारण
Ax-4 मिशन की लॉन्चिंग में पहले कई बार देरी हुई. पहले 29 मई को इसे प्रक्षेपित किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण टाल दिया गया. फिर जून में तीन बार—8, 10 और 11 जून को—फिर से तारीखें बदली गईं. स्पेसएक्स के रॉकेट में तकनीकी परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल में लीक की वजह से उड़ान में देरी हुई.
निजी अंतरिक्ष उड़ानों में भारत की बड़ी छलांग
Axiom-4 मिशन भारत के लिए बेहद अहम है क्योंकि यह पहली बार है जब एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री किसी निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बन रहा है. इससे भारत को कमर्शियल स्पेसफ्लाइट सेक्टर में नई ताकत मिल सकती है और ISRO के भावी गगनयान मिशन के लिए भी अनुभव तैयार होगा.


