Who is Shoma Sen: कौन हैं प्रोफेसर शोमा सेन? जिन्हें SC ने 6 साल बाद इन शर्तों पर दी जमानत

Shoma Sen; एल्गर परिषद केस के मामले में प्रोफेसर शोमा सेन को 5 अप्रैल शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट की ओर भीमा कोरेगांव के मामले में आरोपी शोमा सेन को जमानत मिल गई है.

Sagar Dwivedi
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Shoma Sen: एल्गर परिषद केस के मामले में प्रोफेसर शोमा सेन को 5 अप्रैल शुक्रवार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट की ओर भीमा कोरेगांव के मामले में आरोपी शोमा सेन को जमानत मिल गई है. सोमा सेन करीब 6 साल से जेल में बंद थी. उन प भीमा कोरेगांव मामले के संबंध में कथित माओवादी संबंधों के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकधाम अधिनियम 1967 (UPA) के तहत मामला दर्ज किया था. शोमा सेन को 6 जून 2018 को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 

कब हुईं थी शोमा सेन की गिरफ्तारी

8 जुन 2018 को शोमा सेन को पुणे पुलिस ने सुधीर धावले, महेश राउत, सुरेंद्र गाडलिंग और रोना विल्सन के साथ अरेस्ट किया था. इन पर आरोप है थे कि भीमा कोरेगांव हिंसा में कथित संलिप्तता के लिए उन पर गैरकानून गतिविधियां अधिनियम के तहत कई आरोप लगाए थे. 15 जून को, उन्हें नागपुर विश्वविद्यालय में उनके पद से इस आधार पर निलंबित कर दिया गया था कि वह 48 घंटे से अधिक समय तक पुलिस हिरासत में थीं.

कौन हैं प्रोफेसर शोमा सेन

शोमा सेन एक दलित महिला अधिकार कार्यकर्ता और सहायक प्रोफेसर हैं. वह नागपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी साहित्य विभाग की अध्यक्ष रह चुकी है. उनका जन्म मुंबई के बांद्रा में उच्च माध्यम वर्गीय बंगाली परिवार में हुआ था. उन्होंने स्कूली शिक्षा सेंट जोसेफ कॉन्वेंट से पूरी की. इसके बाद मुंबई के एलफिस्टन कॉलेज में अंग्रेजी साहित्य में मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद नागपुर विश्वविद्यालय में एमफिल और पीएचडी की इसके बाद को पोफेसर बन गई.

शोमा सेन मानवाधिकार कार्यकर्ता और दलित ऐक्टिविस्ट हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद बेटी कोमल सेनने आरोप लगाया था कि इससे पहले कभी उन्हें न गिरफ्तार किया गया और न हीं सवाल किए गए. उन्होंने दावा किया था कि धावले के अलावा गिरफ्तार किए लोगों में से किसी को शोमा नहीं जानतीं थी. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि उनकी गिरफ्तारियं दलितों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले लोगों को शांत कराने के लिए की गई है. 

इन शर्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने शोमा सेन को दी जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने पर कुछ शर्ते रखीं है जो कि इस प्रकार है. पहला कि वो महाराष्ट्र को छोड़कर किसी दूसरे राज्य नहीं जा सकेंगी साथ की अपना पासपोर्ट सरेंडर कर देंगी. वो अपने निवास के बारे में NIA के अधिकारियों को सुचित करेगी और साथ ही अपना नंबर चाली रखेंगी. 

शोमा सेन के मोबाइल का GPS हर वक्त चालू रहना चाहिए और साथ ही NIA के अधिकारियों से जुड़ा रहना चाहिए. ताकि उनके लोकेशन का पूरी जानकारी हो.कोर्ट ने आगे कहा है कि यदि नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो जमानत रद्द करने की मांग करना अभियोजना के लिए खुला होगा. 

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05 April 2024, 04:31 PM IST

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