Chaitra Navratri 2023 7th day: जानिए कैसे जन्मी मां कालरात्रि, नवरात्रि के सातवें दिन जरुर पढ़े मां की यह पावन कथा

Maa kalratri Vrat katha: जैसा कि आप जानते ही है कि आज देशभर में मां का सातवा दिन मनाया जा रहा है।आज के दिन माता कालरात्रि की पूरे सच्चे मन से पूजा की जाती है। साथ ही कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति पूरे नौ दिनों का व्रत करता है। उनके जीवन में अनेक प्रकार की समस्या आने वाली सभी दूर रहती हैं।

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Maa kalratri Vrat katha: जैसा कि आप जानते ही है कि आज देशभर में मां का सातवा दिन मनाया जा रहा है।आज के दिन माता कालरात्रि की पूरे सच्चे मन से पूजा की जाती है। साथ ही कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति पूरे नौ दिनों का व्रत करता है। उनके जीवन में अनेक प्रकार की समस्या आने वाली सभी दूर रहती हैं।

इतना ही नहीं इनकी पूजा से कुंडली में शनि ग्रह भी मजबूत होता है।शास्त्रों में कहा गया है कि जो भी व्यक्ति माता कालरात्रि की उपासना करते हैं उनके जीवन में बुरी शक्तियों का प्रभाव भी खत्म हो जाता है।

आप लोगों के जीवन में जब भी अंधेरे हो,तो मां के सातवें रुप की पूजा आवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके परिवार में सुख-शांति और दुखों से निवारण मिलता है।आप लोगों में से कई लोग ऐसे होंगे जो माता कालरात्रि के नाम का अर्थ नहीं जानते हैं होंगे ।

आपको बता दें कि जिस सातवें रुप की आप पूजा करते हैं उनके नाम का शाब्दिक अर्थ होता है कि अंधेरे को खत्म करना।यदि आप के जीवन में निराशा जैसी समस्याएं आपको परेशान करती हैं,तो ऐसी स्थिति में आप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

माता की पावन कथा

शास्त्रों के अनुसार बताया जाता है कि शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज जैसे राक्षसों ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा रखा था, जिससे परेशान होकर सभी देवी-देवता भगवान शिव जीकी शरण में गए। शिव जी नेमाता पार्वती को आदेश दिया भक्तों की रक्षा के लिए दैत्य का वध कर दिया जाएं। माता पार्वती ने भगवान शिव की यह बात मानकर उन्होंने माता दुर्गा का रूप धारण कर राक्षस का वध कर दिया।

जब मां दुर्गा ने रक्तबीज दानव को मौत के घाट उतारा, तो दैत्य के शरीर से निकले रक्त से लाखों की संख्या में रक्तबीज दैत्य उत्पन्न हो गए यह देख मां को क्रोध आ गया और उन्होंने माता कालरात्रि का रूप धारण कर लिया। राक्षस के शरीर से निकले वाले रक्त को मां ने अपने मुख में भर लिया। इस तरह से मां के सातवें रूप यानी माता कालरात्रि ने उस दैत्य का वध किया।

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First Updated : Tuesday, 28 March 2023