आषाढ़ माह की शुरूआत..... क्या है इस माह का धार्मिक महत्व
आषाढ़ माह की शुरूआत आज बुधवार से हो गई है। इस माह का धार्मिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस माह के दौरान न केवल विशेष तिथियां व त्योहार आदि आएंगे वहीं इस पूरे माह दान देने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
आषाढ़ माह की शुरूआत आज बुधवार से हो गई है। इस माह का धार्मिक महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस माह के दौरान न केवल विशेष तिथियां व त्योहार आदि आएंगे वहीं इस पूरे माह दान देने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
क्या है खास -
ज्योतिषियों के अनुसार आषाढ़ माह में न केवल चातुर्मास की शुरूआत होगी वहीं इन चार माह तक भगवान विष्णु भी क्षीरसागर में जाकर शयन करेंगे। जब तक भगवान विष्णु शेष शैय्या पर शयन करेंगे तब तक भगवान शिव के पास ही इस धरती का भार रहेगा। अर्थात चार माह तक शिव परिवार की ही पूजा व त्योहार आदि मनाए जाएंगे। इसके अलावा चार माह तक मांगलिक कार्य भी नहीं किए जाएंगे। ज्योतिषियों के अनुसार इन आषाढ़ माह के दौरान दिया गया दान अन्य माह की अपेक्षा दो गुना फल प्रदान करता है। इसी माह में भगवान शिव के साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करना भी महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि भगवान शिव व भगवान विष्णु की एक साथ पूजा करने से दोनों ही देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और समस्त मनोकामनाएं ही नहीं बल्कि जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं भी दूर होने लगती है। बता दें कि 13 जुलाई तक चलने वाले इस आषाढ़ माह में ही गुप्त नवरात्रि भी आएगी और इसकी शुरूआत 30 जून से होगी। इसके अलावा इसी माह मिथुन संक्रांति, संकष्टी चतुर्थी, कालाष्टमी, योगिनी एकादशी, अमावस्या और जगन्नाथ रथ यात्रा भी आयोजित होगी।