धर्म की ख़बरें
Monday, 28 March 2022
Horoscope Today 29 March: जाने आज का दिन आपके लिए कितना रहेगा खास
Monday, 28 March 2022
Chaitra Pradosh Vrat 2022: जानिए प्रदोष व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त
Sunday, 27 March 2022
गणगौर पर्व पर कैसे करें शिव गौरा की पूजा
इस अवसर पर पांरपरिक लोक गीत गाने की भी परंपरा देखी जाती है लेकिन राजस्थान जैसे राज्य में इस पर्व की धूम 18 दिनों तक रहती है। कई स्थानों पर गणगौर मेला भी आयोजित होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार गण का अर्थ शिव होता है जबकि गौर का अर्थ गौरी। शिव पार्वती के रूप में ही गणगौर की पूजा होती है।
Sunday, 27 March 2022
चैत्र नवरात्रि : 1563 वर्षों बाद क्या होगा ऐसा...
वेशि, सरल और सत्कीर्ति नाम के राजयोग शुरूआती दिन से ही है और इन सभी योगों का असर पूरे वर्ष भर ही दिखाई देगा। पहले दिन शनिवार को ही मंगल और राहु केतु भी अपनी उच्च राशि में रहेंगे जबकि शनि मकर में गोचर करेगा। मकर शनि की स्व राशि होती है।
Saturday, 26 March 2022
कोर्ट में तलब हुए भगवान शिव...
तहसील कोर्ट ने भगवान शिव को आगामी पेशी के लिए 13 अप्रैल नियत की है तथा कहा है कि यदि वे कोर्ट में पेश नहीं हुए तो जुर्माना वसूलकर जमीन से बाहर कर दिया जाएगा। जानकारी मिली है कि सरकारी जमीन पर दस लोगों ने कब्जा किया हुआ है। जिन दस लोगों को नोटिस जारी किया गया, उसमें से एक भगवान शिव का मंदिर भी है।
Saturday, 26 March 2022
27 मार्च से चमक जाएगी इन राशियों की किस्मत..
वाहन सुख भी मिलेगा तथा जो बीते कुछ समय से फिजुल खर्च हो रहे है उन पर भी रोक लगेगी। मकर राशि के लोगों को कॅरियर बनाने का अवसर प्राप्त होगा, नौकरी पेशा और व्यापारी वर्ग को भी लाभ प्राप्त होने की बात ज्योतिषियों ने की है। हालांकि निवेशकर्ताओं से यह कहा गया है कि वे इस मामले में थोड़ा सोच विचार कर अपने कदम आगे की ओर बढ़ाए।
Saturday, 26 March 2022
आज से सूर्य की तरह चमकेगा इन चार राशियों का भाग्य
आज से सूर्य की तरह चमकेगा इन चार राशियों का भाग्य
Saturday, 26 March 2022
Ram Navami 2022: जीवन में कष्ट हो ‘रावण’ जैसा तो करें रामनवमी पर सुंदरकांड का पाठ, होगी हर इच्छा पूरी
सुंदरकांड का पाठ मंगलवार व शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में बैठकर करना चाहिए लेकिन राम नवमी जैसे अवसर पर सुंदरकांड का पाठ किया जाता है तो श्रीराम और हनुमानजी प्रसन्न होते है तथा संकट भी दूर हो जाते है। वैसे किसी को अधिक संकट हो तो वह नियमित रूप से भी सुंदरकांड का पाठ कर सकता है।