यदाद्री मंदिर की तर्ज पर होगा अंजनेय स्वामी मंदिर का जीर्णोद्धार

मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बुधवार की सुबह तेलंगाना के कोंडागट्टू अंजनेय स्वामी मंदिर पहुंचे। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने ऐतिहासिक मंदिर के विकास पर समीक्षा बैठक भी की और मंदिर में विकास परियोजना का जायजा लिया साथ ही उसकी समीक्षा भी की जिसके लिए केसीआर सरकार ने हाल ही में 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

Vishal Rana
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मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव बुधवार की सुबह तेलंगाना के कोंडागट्टू अंजनेय स्वामी मंदिर पहुंचे। मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री केसीआर ने ऐतिहासिक मंदिर के विकास पर समीक्षा बैठक भी की और मंदिर में विकास परियोजना का जायजा लिया साथ ही उसकी समीक्षा भी की जिसके लिए केसीआर सरकार ने हाल ही में 100 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।

केसीआर ने कहा कि "तेलंगाना आप सभी के समर्थन और धर्मपुरी नरसिम्हा स्वामी की कृपा के कारण संभव हुआ है। अब मंदिर के कायाकल्प के लिए जो राशि मंजूर हुई है उससे मंदिर को नया रूप देने के लिए कई काम किए जाएंगे। जिसमें मंदिर की सीढ़ियों और रोपवे गेस्ट हाउस का कार्य शामिल है। बता दें कि पहले मंदिर के पास केवल 45 एकड़ जमीन थी। अब इसे बढ़ाकर 378 एकड़ कर दिया गया है क्योंकि जिला कलेक्टर ने चार साल पहले मंदिर को 333 एकड़ सरकारी जमीन सौंपी थी।"

कोंडागट्टू अंजनेय स्वामी मंदिर का यदाद्री मंदिर की तर्ज पर जीर्णोद्धार किया जाएगा। मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर किए जाने के बाद यदाद्री मंदिर के वास्तुकार आनंद साईं ने भी अंजनेय मंदिर का दौरा किया था। अपने दौरे के दौरान, उन्होंने जिला अधिकारियों और मंदिर के लोगों के साथ प्रस्तावित मास्टर प्लान पर चर्चा की। आनंद साईं के मुताबिक यदाद्री मंदिर की तर्ज पर मंदिर का जीर्णोद्धार आगम शास्त्र के अनुसार किया जाएगा।

बता दें कि पौराणिक महत्व के यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर को 1800 करोड़ रुपए की लागत से तिरुपति की तर्ज पर भव्य रूप दिया गया है। इसे यदाद्रीगिरीगुट्टा मंदिर भी कहा जाता है। हैदराबाद से करीब 60 किलोमीटर दूर यदाद्री भुवनगिरी जिले में मौजूद लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का रिकॉर्ड 3 साल में कायाकल्प किया गया था। इसके लिए इंजीनियरों और आर्किटेक्ट्स ने करीब 1500 नक्शों और योजनाओं पर काम किया। 2016 में इसकी योजना को मंजूरी मिली थी। यदाद्री लक्ष्मी-नृसिंह मंदिर का उल्लेख 18 पुराणों में से एक स्कंद पुराण में मिलता है।

हजारों साल पुराने इस मंदिर का क्षेत्रफल करीब 9 एकड़ था। मंदिर के विस्तार के लिए 300 करोड़ में 1900 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई। इसकी भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर में 39 किलो सोने और करीब 1753 टन चांदी से सारे गोपुर यानी द्वार और दीवारें मढ़ी गई हैं मंदिर की पूरी परिकल्पना हैदराबाद के मशहूर वास्तुकार आनंद साईं ने ही की थी।

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15 February 2023, 01:49 PM IST

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