बिक्रम मजीठिया आय से अधिक संपत्ति मामले में न्यायिक हिरासत में, अगली सुनवाई 19 जुलाई को
मोहाली जिले की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

पंजाब के मोहाली जिले की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को आय से अधिक संपत्ति मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. रविवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें नई नाभा जेल में भेजे जाने का आदेश दिया गया.
19 जुलाई को अगली सुनवाई
सरकारी वकीलों फेरी सोफत और प्रीत इंदरपाल सिंह ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि मामले की अगली सुनवाई 19 जुलाई को निर्धारित की गई है. बता दें कि इससे पहले 2 जुलाई को अदालत ने मजीठिया की विजिलेंस रिमांड को चार दिन के लिए बढ़ाया था.
वकीलों के अनुसार, जांच के दौरान कुछ नए तथ्य सामने आए हैं. प्रीत इंदरपाल सिंह ने कहा कि जांच एजेंसियां कानून के तहत, अगर जरूरी समझें तो आगे की रिमांड भी मांग सकती हैं.
मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने आरोप लगाया कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और सरकार अकाली दल की आवाज़ दबाना चाहती है. उन्होंने दावा किया कि न तो ड्रग्स मामले में पुलिस के पास पुख्ता सबूत थे और न ही DA मामले में मजीठिया के खिलाफ कोई ठोस संपत्ति का रिकॉर्ड मिला है.
गिरफ्तारी और मामला क्या है?
बिक्रम मजीठिया को 25 जून को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने 540 करोड़ रुपये की कथित ड्रग मनी को वैध संपत्ति में बदलने की कोशिश की. यह मामला 2021 के ड्रग केस से जुड़ा है, जिसमें एनडीपीएस एक्ट के तहत पहले ही मुकदमा दर्ज किया जा चुका है.
उच्च न्यायालय में याचिका
मजीठिया ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपनी गिरफ्तारी को "राजनीतिक प्रतिशोध" बताया है और इसे रद्द करने की मांग की है. कोर्ट इस याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा. उल्लेखनीय है कि वे 2021 में भी ड्रग केस में पांच महीने जेल में रह चुके हैं और 2022 में उन्हें जमानत मिली थी.