दिल्ली में बिजली का बिल बढ़ने वाला है, जानें क्या बदलने वाला है और कौन होगा प्रभावित
अब दिल्ली में बिजली बिल बढ़ने वाले हैं लेकिन किसे इसका असर नहीं होगा और क्यों उपभोक्ता परेशान हो सकते हैं, जानिए इस खबर में! अगर आप 200 यूनिट से ज्यादा बिजली इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए बिल में बढ़ोतरी होगी. RWA इसका विरोध कर रहा है लेकिन अधिकारी कह रहे हैं कि यह बढ़ोतरी जरूरी है.

New Delhi: दिल्लीवासियों के लिए एक नई चिंता सामने आई है. बिजली की कीमतों में सीधे तो बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन बिजली खरीद समायोजन शुल्क (PPAAC) बढ़ने के कारण उपभोक्ताओं को अब ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा. तो क्या यह बदलाव आपके लिए भी असर डालने वाला है? आइए जानें इस फैसले के बारे में विस्तार से.
दिल्ली में बिजली के बिल में होगा इजाफा
दिल्ली में बिजली की दरें फिलहाल तो नहीं बढ़ी हैं लेकिन बिजली खरीद समायोजन शुल्क (PPAAC) में हुई वृद्धि ने उपभोक्ताओं को झटका दे दिया है. दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (DERC) ने बीएसईएस यमुना पावर (BYPL), बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (BRPL) और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लिमिटेड (TPDDL) को PPAAC वसूलने की अनुमति दे दी है.
कितने प्रतिशत बढ़ेगा PPAAC?
BYPL के लिए PPAAC में 13.33% का इज़ाफा होगा.
BRPL में यह बढ़कर 13.54% हो जाएगा.
TPDDL के लिए यह बढ़कर 19.22% हो जाएगा.
किसे नहीं पड़ेगा असर?
अगर आप हर महीने 200 यूनिट से कम बिजली का उपयोग करते हैं तो आपको इस वृद्धि का कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि 200 यूनिट तक बिजली उपयोग करने वालों के लिए शून्य बिजली बिल भेजा जाता है. लेकिन जिन लोगों का बिजली खर्च इससे अधिक है उन्हें ज्यादा बिल चुकाना होगा.
आरडब्ल्यूए का विरोध और राजनीति
रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने इस वृद्धि का विरोध किया है. उनका कहना है कि ये वृद्धि बिना किसी प्रक्रिया के की गई है और उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने का काम किया गया है. पिछले साल भी गर्मियों के दौरान इसी तरह की वृद्धि को लेकर राजनीतिक हलचल मच गई थी. भाजपा ने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने जानबूझकर यह कदम उठाया और अब उसकी सरकार में भी उपभोक्ताओं पर यही बोझ डाल दिया गया है.
उपभोक्ताओं की नाराज़गी
यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली के महासचिव सौरभ गांधी ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "हमने उम्मीद की थी कि सरकार बदलने से बिजली वितरण कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगेगी, लेकिन अब उपभोक्ताओं को निराशा हाथ लगी है." उनका कहना है कि यह बढ़ोतरी तुरंत वापस ली जानी चाहिए.
सरकारी पक्ष क्या कहता है?
बिजली अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार के नियमों के तहत डीईआरसी को यह बढ़ोतरी करने का अधिकार है. ईंधन की कीमतें बढ़ने की वजह से डिस्कॉम को बिजली उत्पादन कंपनियों से ज्यादा कीमत पर बिजली खरीदनी पड़ती है. इस घाटे की भरपाई के लिए डिस्कॉम को PPAAC वसूलने की अनुमति मिलती है. 2003 में पारित बिजली अधिनियम के अनुसार, डिस्कॉम को गर्मी में बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए 10% तक PPAAC बढ़ाने की अनुमति है.