तेलंगाना में किसानों को अन्य राज्यों से मिल रही बेहतर सुविधा

अन्य राज्यों के खेतिहर मजदूर तेलंगाना में लागू की जा रही किसान कल्याण योजनाओं की तारीफ कर रहे हैं। राज्य भर में बड़े पैमाने पर धान के खेतों में काम करने के लिए पलायन करने वाले मजदूर राज्य सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र को प्रदान की जा रही कल्याणकारी योजनाओं और सुविधाओं से प्रभावित थे।

Saurabh Dwivedi
Saurabh Dwivedi

अन्य राज्यों के खेतिहर मजदूर तेलंगाना में लागू की जा रही किसान कल्याण योजनाओं की तारीफ कर रहे हैं। राज्य भर में बड़े पैमाने पर धान के खेतों में काम करने के लिए बहार से आने वाले मजदूर राज्य सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र को प्रदान की जा रही कल्याणकारी योजनाओं और सुविधाओं से प्रभावित है। खेतिहर मजदूर का कहना है कि प्रदेश में मुफ्त 24 घंटे बिजली आपूर्ति के अलावा, रायथु बंधु, रायथु बीमा और सिंचाई परियोजनाओं के माध्यम से कृषि क्षेत्रों के लिए पर्याप्त पानी जैसी योजनाओं से यहां किसानों को बहुत मदद मिल रही है। उन्होंने कहा कि उनके प्रदेश में ऐसी कोई योजना लागू नहीं की जा रही है।

पीलीभीत जिले के मजदूरों का 13 सदस्यीय दल पिछले कुछ हफ्तों के दौरान जिले के अलग-अलग इलाकों में धान की रोपाई में लगा हुआ है। इन किसानों का कहना है कि तेलंगाना के अलावा, उन्होंने पिछले कुछ सालों में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और अन्य राज्यों में धान के खेतों में काम किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि कोई अन्य राज्य किसानों के कल्याण के लिए ऐसी योजनाओं को लागू नहीं कर रहा है।

खेतिहर मजदूरों ने कहा कि उन्हें अपने प्रदेश में ज्यादा काम नहीं मिल रहा था क्योंकि छोटे क्षेत्र में धान की खेती की जा रही थी, यही वजह थी कि उन्हें रोजी-रोटी कमाने के लिए तेलंगाना और अन्य राज्यों में पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा, उन्हें तेलंगाना में दोहरी आय हो रही थी। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में उन्हें 600 रुपये प्रतिदिन मिल रहे है। जो की लगभग अन्य प्रदेशो की तुलना में दुगुनी मजदूरी है। मजदूरो का कहना है कि पहले, वे अक्सर मध्य प्रदेश जाते थे लेकिन पिछले चार वर्षों के दौरान तेलंगाना आ रहे है।

उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में तेलंगाना में किसानों को अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा, राज्य में भी माहौल खुशनुमा है और लोग मिलनसार भी है , उन्होंने कहा कि वे तीन महीने काम के लिए राज्य में रहेंगे। इस बीच, स्थानीय एजेंट यहां धान के खेतों में काम करने के लिए यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के मजदूरों को लगा रहे हैं। रहने का इंतजाम, रसोई गैस और चावल देने के अलावा, एक एकड़ भूमि में धान लगाने के लिए प्रति टीम मजदूरों को 3,500 रुपये से 4,500 रुपये दिए जा रहे हैं। प्रत्येक टीम हर दिन चार से पांच एकड़ में काम करती है।

calender
14 January 2023, 06:25 PM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो