‘ऑपरेशन सिंदूर’ की हीरो पर टिप्पणी कर फंसे मंत्री, लेकिन BJP ने क्यों नहीं की बर्खास्तगी? सामने आई वजह
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिया गया विवादित बयान बीजेपी में राजनीतिक असमंजस का कारण बना हुआ है. गोंड जनजाति से आने वाले शाह को पार्टी तत्काल बर्खास्त करने में झिझक रही है, क्योंकि वे गोंड समुदाय के महत्वपूर्ण प्रतिनिधि माने जाते हैं.

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित बयान ने राजनीतिक गलियारों में तूफान ला दिया है. शाह द्वारा कर्नल सोफिया के लिए कही गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के बाद कांग्रेस ने उनकी बर्खास्तगी की मांग करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है. हालांकि, भाजपा नेतृत्व अभी भी विजय शाह के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई करने में हिचकिचा रहा है. इसके पीछे गोंड जनजाति से जुड़ी राजनीतिक सेंसिटिविटी और कानूनी प्रक्रिया का इंतजार सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है.
भाजपा के अंदर भी इस मुद्दे को लेकर गहरा असमंजस है. विजय शाह गोंड जनजाति से आते हैं, जो मध्य प्रदेश की राजनीतिक तस्वीर में अहम वोट बैंक माना जाता है. इसलिए पार्टी नेतृत्व फिलहाल कोर्ट और पुलिस कार्रवाई के नतीजों का इंतजार कर रही है, ताकि किसी भी राजनीतिक विवाद से बचा जा सके.
विवादित बयान से BJP में असमंजस
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को मंहौ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी की, जो सोशल मीडिया और राजनीतिक महफिलों में गर्माई हुई बहस का विषय बन गई. भाजपा नेतृत्व में यह चर्चा जारी है कि मंत्री को तत्काल हटाना पार्टी के लिए कितना उचित रहेगा. हालांकि, शाह ने बाद में माफी मांग ली, यह कहकर कि उनके शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया.
गोंड जनजाति का राजनीतिक महत्व
विजय शाह गोंड जनजाति से आते हैं, जो मध्य प्रदेश की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा है. गोंड जनजाति का प्रदेश की 84 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है. मध्य प्रदेश में आदिवासियों की कुल आबादी लगभग 22 प्रतिशत है, जिसमें गोंड समुदाय की संख्या 50 लाख से अधिक है. पार्टी के लिए यह जनजाति वोट बैंक की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, जिससे शाह को हटाने में संकोच जताया जा रहा है.
कांग्रेस की FIR और न्यायालय की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने विवादित बयान के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कराई और विजय शाह की बर्खास्तगी की मांग की. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 15 मई को शाह को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने का आदेश दिया, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत याचिका को खारिज करते हुए बयान को अनुचित बताया.
कर्नल सोफिया कुरैशी की भूमिका
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी हैं, जिन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी दावों को खारिज करते हुए भारतीय सैन्य ठिकानों की सुरक्षा पर बयान दिया था. ऑपरेशन सिंदूर के बाद से वे सुर्खियों में हैं. विजय शाह के विवादित बयान ने इस बहादुर अधिकारी के प्रति नकारात्मकता फैलाने की कोशिश की, जिसे राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर काफी आलोचना मिली.
BJP ने की कार्रवाई की मांग, पर क्यों देरी?
भाजपा ने विवाद के बाद विजय शाह से स्पष्टीकरण और रिपोर्ट मांगी है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक वे कोई कठोर कदम नहीं उठाएंगे. साथ ही, गोंड जनजाति के राजनीतिक महत्व के कारण भी पार्टी इस मामले में सटीक निर्णय लेने में संकोच कर रही है.


