मध्य प्रदेश: उज्जैन में विश्व का पहला 45 शिखर वाला श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर बड़नगर रोड पर धरमबड़ला में 22 बीघा क्षेत्र में श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ निर्मित किया गया है। बता दें कि विश्व का यह पहला मंदिर है जिसमें 45 शिखर हैं

Dheeraj Dwivedi
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मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर बड़नगर रोड पर धरमबड़ला में 22 बीघा क्षेत्र में श्री कल्याण मंदिर नवग्रह महातीर्थ निर्मित किया गया है। बता दें कि विश्व का यह पहला मंदिर है जिसमें 45 शिखर हैं। बताते चलें कि अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल में संगमरमर से नक्काशीदार मंदिर को 500 से अधिक शिल्पकारों ने करीब 10 वर्ष में इसे भव्य रूप दिया। 4 फरवरी को मुख्य समारोह होगा। इस समारोह में देशभर से एक लाख से अधिक श्वेतांबर जैन समाज जन के आने की संभावना जताई जा रही है।

बता दें कि आचार्य मुक्तिसागर महाराज की प्रेरणा से 45 करोड़ रुपए की लागत से अभ्युदयपुरम संकुल विकसित किया गया। इस तीर्थ की विशेषता यह है कि यहां संचालित गुरुकुल में बच्चों को सीबीएसई की आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ संस्कार और नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जाता है। गुरुकुल 12वीं कक्षा तक संचालित है और इसमें हॉस्टल और बस सुविधा भी उपलब्ध है। बताया जा रहा है कि मंदिर में अभ्युदय पार्श्वनाथ की प्रतिमा प्रतिष्ठित होगी। वहीं प्रतिष्ठा अंतर्गत पंच कल्याणक महोत्सव आरंभ हो चुका है।

कल्याण मंदिर स्त्रोत की रचना उज्जैन में हुई थी -

बता दें कि आचार्य मुक्तिसागर सूरी को शिक्षा, संस्कार एवं मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए बेंगलुरु की मदर टेरेसा यूनिवर्सिटी ने डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की है। गत सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में ही कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने उन्हें यह उपाधि प्रदान की।

गुरुकुल ट्रस्टी प्रियेश जैन और मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया ने बताया कि प्रभु पार्श्वनाथ की महिमा के वर्णन वाले कल्याण मंदिर स्त्रोत की रचना करीब 2500 वर्ष पहले आचार्य सिद्धसेन दिवाकर ने अवंती नगरी (उज्जयिनी) में ही की थी। इसके प्रभाव से श्री अवंती पार्श्वनाथ प्रभु की प्रतिमा भूमि से प्रकट हुई थी और यह तीर्थ भी उज्जैन में है। स्त्रोत की कुल 44 गाथाएं है। इसी वजह से 45 शिखर युक्त कल्याण मंदिर नवग्रह तीर्थ बनाया गया है।

तैयार हुआ भोजन मंडप -

बता दें कि कार्यक्रम में बाहर से आने वाले अतिथियों के लिए खेतों में अस्थायी कॉटेज और डोरमेट्री कक्ष बनाए गए हैं। करीब 20 हजार वर्ग फीट का अश्वसेन राज दरबार (मुख्य डोम) बना, जिसमें पंचकल्याणक कार्यक्रम, 24 हजार वर्ग फीट डोम में भरत चक्रवर्ती भोजन मंडप तैयार हुआ है। इसमें एक साथ हजारों लोग भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।

मुख्य कार्यक्रम -

- रथयात्रा 3 फरवरी को निकलेगी एवं आचार्यश्री मुक्तिसागर सूरी के शिष्य पन्यास प्रवर अचलमुक्ति सागर को आचार्य पद अर्पण होगा।

- आध्यात्मिक कवि सम्मेलन 3 फरवरी की शाम को होगा, जिसमें तारक मेहता फेम कवि शैलेष लोढ़ा को जैन काव्य अलंकरण दिया जाएगा।

- महोत्सव के लिए जैन समाज की कई प्रमुख हस्तियों सहित गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दक्षिण भारतीय प्रांत, पंजाब, बिहार, उड़ीसा सहित मध्य प्रदेश के विभिन्न शहरों से समाज जन आएंगे।

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02 February 2023, 10:46 AM IST

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