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पंजाब में कभी भी गिर सकती है सरकार, इस पूर्व सांसद ने किया दावा, किस आधार पर केजरीवाल के विरोधी कर रहे दावे

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप की करारी हार और पार्टी की पंजाब इकाई में आंतरिक असंतोष की बढ़ती अटकलों के बीच बृजभूषण ने दावा किया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल कभी कोई चुनाव नहीं जीतेंगे. उन्होंने कहा कि मैं भविष्यवाणी नहीं करता, लेकिन आज मैं कह रहा हूं कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का भविष्य संकट में है. पंजाब में आप सरकार कभी भी गिर सकती है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को दावा किया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार कभी भी गिर सकती है और अरविंद केजरीवाल फिर कभी चुनाव नहीं जीत पाएंगे. बता दें कि यह बयान निपानिया में पूर्व बीजेपी विधायक दशरथ सिंह की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिया.

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं भविष्यवाणी नहीं करता, लेकिन आज मैं कह रहा हूं कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी का भविष्य संकट में है. पंजाब में आप सरकार कभी भी गिर सकती है.

केजरीवाल कभी कोई चुनाव नहीं जीतेंगे

दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप की करारी हार और पार्टी की पंजाब इकाई में आंतरिक असंतोष की बढ़ती अटकलों के बीच बृजभूषण ने दावा किया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल कभी कोई चुनाव नहीं जीतेंगे. विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा बीजेपी पर हिंदू नहीं टिप्पणी करने की कई संतों द्वारा निंदा किए जाने और उनसे माफी की मांग किए जाने पर भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘ये राजनीतिक मुद्दे हैं और संतों ने अपनी राय दी है. मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा.

भगवंत मान नीत सरकार की उल्टी गिनती शुरू

बीजेपी ने पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर अपना हमला तेज कर दिया है तथा पार्टी महासचिव तरुण चुघ ने दावा किया कि भगवंत मान नीत सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. चुघ ने दावा किया कि पंजाब के लोगों का आप से मोहभंग हो गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली ने आप-दा (आपदा) से छुटकारा पा लिया और अब पंजाब के लोग भी आप-दा से मुक्ति चाहते हैं. भगवंत मान नीत सरकार शराब, रेत और खनन माफिया से निपटने में विफल रही है. 

आज पंजाब से दिल्ली आ रहे आम आदमी पार्टी के विधायक

दिल्ली में आज आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल की पंजाब के मुख्यमंत्री मान, मंत्रियों और विधायकों के साथ एक बैठक होने वाली है. इस कदम से राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गई हैं. चुघ ने दावा किया कि पंजाब के लोगों का आम आदमी पार्टी (आप) से मोहभंग हो गया है. उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली ने ‘आप-दा’ (आपदा) से छुटकारा पा लिया और अब पंजाब के लोग भी ‘आप-दा’ से मुक्ति चाहते हैं. भगवंत मान नीत सरकार शराब, रेत और खनन माफिया से निपटने में विफल रही है.’’ उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब में एक मजबूत विपक्ष के रूप में काम करेगी.

सिरसा का दावा- भगवंत मान को दरकिनार कर देंगे केजरीवाल

पश्चिमी दिल्ली के राजौरी गार्डन से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए कहा कि केजरीवाल मान को दरकिनार कर सकते हैं. सिरसा ने दावा किया, 'ऐसा कहा जा रहा है कि केजरीवाल यह कहकर भगवंत मान को अक्षम घोषित कर देंगे कि उन्होंने महिलाओं को 1,000 रुपये देने और नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर नियंत्रण जैसे वादे पूरे नहीं किए हैं. इसके बाद वह खुद ही कमान संभाल लेंगे.' उन्होंने मान को आगाह करते हुए कहा, 'केजरीवाल किसी के प्रति वफादार नहीं हैं. उन्होंने सभी को धोखा दिया है.'

कांग्रेस ने भी आम आदमी पार्टी पर उठाया सवाल

इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने भी स्थिति पर टिप्पणी की. पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने दावा किया है कि आप के विधायक अन्य दलों के संपर्क में हैं. रंधावा ने कहा, 'उनके कई विधायक विभिन्न दलों के संपर्क में हैं. वे इस तरह से टूटेंगे कि कई लोग पार्टी छोड़ देंगे.' कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक कदम आगे बढ़कर दावा किया, 'पंजाब में 30 से अधिक आप विधायक हमारे संपर्क में हैं.' हालांकि, आप नेताओं ने इन दावों को खारिज कर दिया.

AAP ने दिया जवाब- असंभव सपने देख रहे हैं विरोधी

आप सांसद मलविंदर सिंह कंग ने बाजवा की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'बाजवा साहब असंभव सपने देख रहे हैं - बिल्कुल ‘मुंगेरीलाल के सपने’ की तरह, जो कभी पूरे नहीं होंगे. यहां तक कि उनके अपने भाई भी भाजपा में शामिल हो गए हैं.' कंग ने आप के भीतर असंतोष की अटकलों को तवज्जो नहीं देते हुए केजरीवाल की पंजाब के विधायकों के साथ बैठक को ‘नियमित रणनीति बैठक’ बताया. उन्होंने कहा, 'पार्टी एक सतत प्रक्रिया है. भगवंत मान हमारे नेतृत्व के साथ हमारे राष्ट्रीय संयोजक से मिलेंगे. यह भविष्य की रणनीतियों को आकार देने के लिए नियमित चर्चा का हिस्सा है.'

इस बढ़ती राजनीतिक हलचल की तुलना महाराष्ट्र में 2022 के परिदृश्य से की जा रही है, जहां एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था और उसके फलस्वरूप अंततः महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गयी थी. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने पंजाब में भी ऐसी ही स्थिति का संकेत देते हुए कहा, 'पंजाब बाहरी लोगों का हस्तक्षेप पसंद नहीं करता. निश्चित रूप से, हम वहां एकनाथ शिंदे मॉडल को लागू होते देख सकते हैं.'

117 में से 92 सीट जीतकर आप ने रचा था इतिहास

पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव में आप ने 117 में से 92 सीट जीतकर शानदार विजय हासिल की थी. आज की बैठक का नतीजा पंजाब में आप की रणनीति और स्थिरता को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है.

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11 February 2025, 08:28 AM IST

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