छत्तीसगढ़ के इन प्रसिद्ध मंदिरों के करें दर्शन, हो जाती हैं सभी मनोकामनाएं पूरी
छत्तीसगढ़ में देखने के लिए बेहद ही खूबसूरत जगहें है। इन्हीं में से एक यहां के मंदिर हैं। इन मंदिरों की प्राकृतिक सुंदरता और इतिहास भी बेहद प्राचीन है। यहां के आस्था के केंद्र पुरातन संस्कृति और सभ्यता की मिसाल देते है
छत्तीसगढ़ में देखने के लिए बेहद ही खूबसूरत जगहें है। इन्हीं में से एक यहां के मंदिर हैं। इन मंदिरों की प्राकृतिक सुंदरता और इतिहास भी बेहद प्राचीन है। यहां के आस्था के केंद्र पुरातन संस्कृति और सभ्यता की मिसाल देते है। बता दें कि छत्तीसगढ़ कई मायनों में बहुत खास है। यहां के मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। भक्त दूर दूर से इन मंदिरो के दर्शन प्राप्त करने आते है। आज हम आपको छत्तीसगढ़ के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
जहां मान्यता है कि अगर कोई इंसान इन मंदिरों में भगवान से कुछ भी मांगे तो उसकी मनोकामाएं जरूर पूर्ण हो जाती है। वहीं छत्तीसगढ़ खूबसूरत इतिहास और प्राकृतिक सुंदरता से लोगों को खूब आकर्षित करता है। यहां पर घूमने के लिए झीलों का शहर हैं, तो वहीं यहां पर किलों की भी कोई कमी नहीं है। छत्तीसगढ़ में आपको हर तरह के नजारे देखने को मिल जाएंगे।
इस बात इस तरह से भी समझ सकते हैं कि छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से अपने पर्यटन के लिए ही जाना जाता है। हम आज आपको छत्तीसगढ़ के कुछ बेहद खास मंदिरों के बारे में बताएंगे, जहां दर्शन करने के बाद आपकी किस्मत बदल सकती है। चलिए आपको भी छत्तीसगढ़ के उन मंदिरों के बारे बताते हैं।
महामाया मंदिर -
महामाया मंदिर 12वीं से बना हुआ है। यहां दोहरी देवी सरस्वती और लक्ष्मी को समर्पित ये मंदिर वास्तुकला की नागर शैली का है। ये मंदिर रतनपुर में स्थित है।
चंद्रहासिनी देवी मंदिर -
मां चंद्रहासिनी को समर्पित ये मंदिर महानदी के तट पर स्थित है। ये मंदिर दैनिक अनुष्ठान तथा पूजा के लिए जाना जाता है।
दंतेश्वरी मंदिर -
दंतेश्वरी देशभर में 52 शक्ति मंदिरों का प्रतिनिधित्व करता है। इस मंदिर का नाम दंतेवाड़ा काकतीय शासकों के तत्कालीन पीठासीन देवता से मिलता है।
भोरम देव मंदिर -
ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर के परिसर में चार मंदिर हैं। ये मंदिर वास्तु शिल्पीय चमत्कार से कम नहीं है।
बंजारी माता मंदिर -
ये मंदिर शहर के लोकप्रिय मंदिर में से एक है। ये पवित्र मंदिर देवी बंजारी माता को समर्पित है। रायपुर और अंबिकापुर राज्य राजमार्ग के माध्यम से इस मंदिर में पहुंचा जाता है।
मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर -
ये मंदिर डोंगरगढ़ में स्थित है। इस मंदिर को छोटी बम्लेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। छोटी बम्लेश्वरी मां बम्लेश्वरी देवी के मुख्य परिसर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है।
मड़वारानी मंदिर -
ये मंदिर के छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोरबा चम्पा रोड पर कुछ किलोमीटर की दूरी पर एक छोटे पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था।