Vivo India ने ED द्वारा बैंक खाते को फ्रीज करने को लेकर दी चुनौती
वीवो इंडिया ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कंपनी के बैंक खाते को फ्रीज करने को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
वीवो इंडिया ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कंपनी के बैंक खाते को फ्रीज करने को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया जिसमें न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद भी शामिल थे और बताया कि ईडी ने हमारे सभी बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है।
लूथरा ने कहा, "हमारे पास 9000 कर्मचारी हैं। एक दायित्व है।" पीठ ने आज मामले की तत्काल आधार पर सुनवाई करने की सहमति दी। वीवो इंडिया ने दलील में कहा कि ईडी के इस कृत्य के कारण कंपनी के साथ गंभीर अन्याय होगा और इसकी प्रतिष्ठा और व्यावसायिक संचालन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
याचिका में कहा गया है कि बैंक खातों को फ्रीज करने से न केवल बैंक खातों के माध्यम से याचिकाकर्ता के मौजूदा / संभावित व्यवसाय संचालन में बाधा आएगी, बल्कि भारत और दुनिया भर में याचिकाकर्ता के संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
ईडी के अनुसार, वीवो इंडिया की लगभग 23 संबद्ध फर्मों जैसे ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड (GPICPL) ने फर्म को भारी मात्रा में ट्रांसफर किया और कुल बिक्री आय 1,25,185 करोड़ रुपये में से, 50 फीसदी लगभग 62,476 करोड़ रुपये भारत से बाहर, मुख्य रूप से चीन को भेजे।