क्यों होते हैं भूकंप? क्या है असली कारण? जानिए विस्तार से
हाल ही में तुर्की और सीरिया में भयंकर भूकंप आए हैं जिसमें कई इमारतें जमीनदोज हो गए करीब 8300 लोगों की जान चली गई, इमारतों के गिरने से सीरिया में मलबे ही मलबे दिखाई दे रहे जिसके अंदर काफी लोग फसे हुए है। हालंकि बचावकर्मी अपनी पूरे जी जान से मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहें हैं। लेकिन अभी भी तुर्की की हलात गंभीर हैं। क्या आपने कभी सोचा है भूकंप क्यों आते है अगर नहीं सोचा तो आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
हाल ही में तुर्की और सीरिया में भयंकर भूकंप आए हैं जिसमें कई इमारतें जमीनदोज हो गए करीब 8300 लोगों की जान चली गई, इमारतों के गिरने से सीरिया में मलबे ही मलबे दिखाई दे रहे जिसके अंदर काफी लोग फसे हुए है। हालंकि बचावकर्मी अपनी पूरे जी जान से मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रहें हैं।लेकिन अभी भी तुर्की की हलात गंभीर हैं। क्या आपने कभी सोचा है भूकंप क्यों आता है अगर नहीं सोचा तो आईए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञ श्रवण कुमार का कहना हैं कि भूकंप के आने के एक वजह नहीं हैं इसके कई सारे वजह हो सकते हैं। पहला कारण तो यह है कि भूकंप आने का सबसे बड़ा कारण इंसान हैं, क्योंकि वह प्राकृति से खेलवाड़ कर रहें हैं। पहाड़ों को काटना, धरती की खुदाई करके तेल निकालना, पेड़ों को काटना, बड़े-बड़े बिल्डिंग बनाना यह सब करने से प्राकृति की सूंदरता भंग होती है जिससे पृथ्वी का संतूलन बिगड़ता हैं जिसके फलस्वरूप बार-बार भूकंप जैसे त्रासदी का सामना करना पड़ता हैं।
कैसे आता हैं भूकंप
वैज्ञानिकों की माने तो भूकंप कैसे आता हैं अगर यह जानना है तो पहले पृथ्वी की संरचना को समझना पड़ेगा। दरअसल यह पृथ्वीं टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है और इसके इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है ये प्लेट्स लगातार तैरती रहती हैं और कई बार ऐसा होता हैं कि तैरते- तैरते आपस में टकरा जाती हैं। बार-बार प्लेट्स टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ कर दबाव पड़ जाते हैंऔर अधिक दबाव पड़ने से प्लेट्स टूटने लगती हैं। टूटने से प्लेट्स के नीचे से ऊर्जा बाहर निकालने का रास्ता ढूंढती हैं इसी डिस्टोर्बेंस के कारण ही भूकंप आता हैं।
भूकंप का केंद्र कहां होता हैं
टैक्टोनिक प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है उस केंद्र को भूकंप का केंद्र कहते हैं। जहां से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है उस स्थान पर भूकंप की त्रिवता अधिक रहती है लेकिन जैसे-जैसे यह कंपन फैलता जाता हैं तो इसका प्रभाव कम हो जाता हैं। अगर रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन भूकंप की आवृत्ति अगर ऊपर की तरफ है तो कम क्षेत्र पर भूकंप का प्रभाव पड़ेगा वहीं अगर दायरे में है तो विनाशकारी भूकंप भी हो सकता हैं।
कैसे मापी जाती हैं भूकंप की तिव्रता
भूंकप की तिव्रता की जांच रिक्टर स्केल से मापी जाती है। जो वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप की तरंगों को मापने के लिए बनाया गया है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहते हैं। जब भूकंप आता हैं तो इस स्केल से धरती के भीतर से निकली ऊर्जा की तीव्रता को मापा जाता हैं।