Lucknow Highcourt On Adipurush : आदिपुरुष पर पूरे देश में बवाल चल रहा है. फ़िल्म के कुछ संवाद और दृश्यों को लेकर लोगों में गुस्सा है. इसी मामले में लखनऊ हाईकोर्ट में आज सुनवाई थी, जिसमें जस्टिस राजेश सिंह चौहान और जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की डिवीजन बेंच ने सेंसर बोर्ड और निर्माता निर्देशकों को लगाई फटकार लगते हुए कहा कि 'सिर्फ रामायण ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान, गुरु ग्रन्थ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बक्श दीजिए बाकी जो करते हैं वो तो कर ही रहे हैं.' इसके साथ ही कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को लेकर भी सख्ती दिखाई.
क्या कहा लखनऊ हाईकोर्ट ने?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फ़िल्म मेकर्स और सेंसर बोर्ड को फटकार लगते हुए कहा कि 'सिर्फ रामायण ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान, गुरु ग्रन्थ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बक्श दीजिए बाकी जो करते हैं वो तो कर ही रहे हैं.' कोर्ट ने सेंसर बोर्ड के वकील अश्विनी सिंह से पूछा कि क्या करता रहता है सेंसर बोर्ड? सिनेमा समाज का आईना होता है, आगे आने वाले पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हो? क्या सेंसर बोर्ड अपनी जिम्मेदारियों को नही समझता है?
इसके साथ ही फ़िल्म में दर्शाए गए कुछ दृश्यों जैसे रावण का चमगादड़ को मांस खिलाना, सीता जी को बिना ब्लाउज के दिखाना और भी कई दृश्यों को आपत्तिजनक बताया, जिसपर कोर्ट ने सहमती जताई. इस मामले में अब अगली सुनवाई 27 जून को होगी.