प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत मुआवजा लेने के लिए आधार कार्ड जरूरी

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत मुआवजा लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है।

Janbhawana Times
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केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने प्रोजेक्ट एलीफैंट के तहत मुआवजा लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित यह योजना राज्य सरकारों द्वारा लागू की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य हाथी और मनुष्य के संघर्ष को कम करना, पालतू हाथियों की रक्षा करना, हाथियों का संरक्षण करना, हाथियों के रहने के स्थान और गलियारों का संरक्षण करना है।

इस परियोजना के तहत वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है। वन विभाग में अधिकतर काम अनुबंधित कर्मचारियों द्वारा कराए जाते हैं। उन्हें भी अब प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के तहत भुगतान किया जाएगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत जान गंवाने, घायल होने, संपत्ति या फसल का नुकसान होने आदि के लिए मुआवजा भी दिया जाता है। इसके तहत ग्रामीण, मुखबिरों, किसानों और अन्य लोगों को रिवार्ड भी दिया जाता है। इन सभी लोगों को अब मुआवजे की रकम हासिल करने के लिए आधार कार्ड दिखाना होगा और आधार के माध्यम से अपना सत्यापन कराना होगा।

अगर किसी के पास आधार नहीं है तो उसे अपना पंजीकरण करना होगा और पंजीकरण का सबूत दिखाना होगा। वन विभाग के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले लोगों को भी आधार कार्ड दिखाना होगा और आधार न होने पर उसमें पंजीकरण कराने का सबूत दिखाना होगा। लोकसभा में दी गई जानकारी के मुताबिक, हाथी और मानव के संघर्ष में 2016-17 के दौरान 516 लोगों, 2017-18 के दौरान 506 लोगों ने 2018-19 के दौरान 454 लोगों ने अपनी जान गंवाई। साल 2016-17 के दौरान हाथियों के हमले में लोगों की जान जाने के मामले में मुआवजे के रूप में 1,495.30 लाख रुपये, 2017-18 में 1,821.00 लाख रुपये, 2018-19 में 1,498.00 लाख रुपये दिए गए।

मंत्रालय मौत के मामले में या पूरी तरह अपंग होने के मामले में पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल होने पर दो लाख रुपये और हल्की चोटें आने पर 25,000 रुपये का मुआवजा देता है। फसल, संपत्ति आदि के नुकसान की भरपाई राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश तय करते हैं।

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06 July 2022, 05:21 PM IST

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