केंद्र ने SC को बताया, देशद्रोह कानून पर पुनर्विचार की प्रक्रिया शुरू
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार 10 मई को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र देशद्रोह कानून पर पुनर्विचार करने की प्रक्रिया में है। मेहता की दलील राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई के दौरान आई।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मंगलवार 10 मई को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र देशद्रोह कानून पर पुनर्विचार करने की प्रक्रिया में है। मेहता की दलील राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई के दौरान आई। मेहता सीजेआई एनवी रमना के नेतृत्व वाली तीन-न्यायाधीशों की पीठ के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। पीठ ने पूछा, "केंद्र को राजद्रोह कानून पर पुनर्विचार करने में कितना समय लगेगा।"
एसजी ने उत्तर दिया "समय सीमा की भविष्यवाणी करना मुश्किल है। लेकिन प्रक्रिया शुरू हो गई है। आपको हलफनामे की अवधि अवश्य देखनी चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, "कानून को बदलने का अधिकार और विशेषाधिकार उनका है, लेकिन हमने मौजूदा कानून को चुनौती दी है। निर्णय लेना कार्यपालिका का अधिकार क्षेत्र है और कानून बनाना विधायिका का क्षेत्राधिकार है। लेकिन यह इस अदालत को विचार करना है।"
सिब्बल ने कहा “मेरा सुझाव है कि अगर वे कानून बदलते हैं, तो भी मुकदमे और गिरफ्तारी लंबित हैं। उन्हें मौजूदा कानून पर फैसला करना होगा।" वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने कहा "एक सुप्रीम कोर्ट का फैसला है जहां यह स्पष्ट किया गया था कि हलफनामे के समर्थक संसद के लिए नहीं बोलते हैं। यह हलफनामा [केंद्र की ओर से एसजी का सबमिशन] संसद क्या कर सकती है, इसके लिए नहीं बोल सकती।