विपक्ष द्वारा संविधान दिवस कार्यक्रम के बहिष्कार किये जाने पर ओम बिरला ने आपत्ति जताई
विपक्ष द्वारा संविधान दिवस कार्यक्रम के बहिष्कार किये जाने पर ओम बिरला ने आपत्ति जताई
संविधान दिवस पर सभा को संबोधित करते हुए लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा ‘‘संसद में हम देश की 135 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और संसद के अन्दर होने वाली चर्चा से जो अमृत निकलेगा, उससे ही आमजन के जीवन में सार्थक बदलाव संभव है।’’ कांग्रेस पार्टी द्वारा संविधान दिवस समारोह का बहिष्कार किए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जनप्रतिनिधि होने के नाते यह हमारा दायित्व है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं में मर्यादित और गरिमापूर्ण आचरण करें। संसद की मर्यादाओं और उच्च गरिमापूर्ण परम्पराओं को कायम रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
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उन्होंने कहा विपक्ष के नेता के तौर पर रंजन चैधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे दोनों के मंच पर बैठने की व्यवस्था थी। संसदीय कार्य मंत्री ने दो पहले ही उन नेताओं को इसकी सूचना दी थी, आज सुबह मेरे दफ्तर ने भी उनको सूचित किया था। लेकिन जब वो आने को तैयार नहीं हुए तब कुर्सियां हटाई गई।
बिरला ने कहा कि आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ मनाते हुए हम अपने कर्तव्यों और दायित्वों के निर्वहन का संकल्प लें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 72 वर्ष पहले आज के ही दिन हमारे देश का संविधान अंगीकार हुआ था और हमारे देश ने शांति, प्रगति और समानता के संकल्प के साथ विकास यात्रा शुरू की थी। उन्होंने कहा कि संविधान हमारे सांस्कृतिक विकास, हमारी महान सांस्कृतिक विरासत और आदर्शों का पवित्र ग्रंथ है।
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