शरवती परियोजना: विस्थापित परिवारों के लिए भूमि स्वामित्व अधिकार प्राप्त करने के लिए नई बोली लगेगी
एक उच्च स्तरीय बैठक में कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में शरवती नदी परियोजना के कारण विस्थापित हुए 11,000 से 12,000 परिवारों के पक्ष में लगभग 9,600 एकड़ वन भूमि को गैर-अधिसूचित करने की याचिका के साथ केंद्र से संपर्क करने का फैसला किया।
एक उच्च स्तरीय बैठक में कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले में शरवती नदी परियोजना के कारण विस्थापित हुए 11,000 से 12,000 परिवारों के पक्ष में लगभग 9,600 एकड़ वन भूमि को गैर-अधिसूचित करने की याचिका के साथ केंद्र से संपर्क करने का फैसला किया। इस पैनल की अध्यक्षता राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा कर रहे हैं, दोनों ही जिले से आते हैं।
जानकारी के अनुसार, उन विस्थापित परिवारों के पक्ष में वन भूमि को गैर-अधिसूचित करने के अनुरोध के साथ केंद्र को एक नया प्रस्ताव भेजा जाएगा, जिन्हें अभी तक भूमि पर अधिकार नहीं मिला है। इस बारे में येदयुरप्पा ने कहा है कि ज़मीन पर रहने वालों को मालिकाना हक़ नहीं मिला है यह भूमिहीन होने जैसा है। उन्होंने ये भी कहा कि जिला प्रशासन ने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और 9,600 एकड़ भूमि पर स्वामित्व देने का प्रस्ताव तैयार किया है। उन्होंने ये भी आश्वासन दिया की इसके लिए आज ही प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में शिवमोग्गा सांसद और येदियुरप्पा के बेटे बी वाई राघवेंद्र, विधायक और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बता दें कि शरवती एक 1,035MW जल विद्युत परियोजना है। यह कर्नाटक में शरवती नदी बेसिन पर स्थित है।
इसके अलावा कर्नाटक के लिए 2023 के केंद्रीय बजट में लंबे समय से लंबित ऊपरी भद्रा परियोजना के लिए घोषित 5,300 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी जो कुछ लाभ प्रदान करेगी।