उत्तराखंड चार धाम यात्रा: श्रद्धालुओं की लापरवाही के बीच केदारनाथ धाम बन रही है प्लास्टिक कचरे की ढेर
चार धाम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है इस बीच उत्तराखंड प्रशासन को काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में उत्तराखंड प्रशासन के सामने कई चुनौतियां है। प्रशासन ने पहले ही भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वह दर्शन यात्रा से पहले अपने ठहरने का इंतजाम कर ले जिसके बाद आगे की योजना बनाएं।
उत्तराखंड। चार धाम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है इस बीच उत्तराखंड प्रशासन को काफी मशक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में उत्तराखंड प्रशासन के सामने कई चुनौतियां है। प्रशासन ने पहले ही भीड़ को देखते हुए श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वह दर्शन यात्रा से पहले अपने ठहरने का इंतजाम कर ले जिसके बाद आगे की योजना बनाएं।
हालांकि इसका असर श्रद्धालुओं पर कुछ खास नहीं पड़ा। श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार उत्तराखंड प्रशासन की नींद उड़ा रखी है। प्रशासन लगातार व्यवस्था को नियंत्रण में करने के लिए तमाम तरह के प्रयास कर रहे हैं ।प्रशासन की ओर से चार धाम यात्रा के लिए पंजीयन की संख्या भी सीमित कर दी है। अब उनके सामने एक नई चुनौती सामने खड़ा हो गई है बताया जा रहा है कि श्रद्धालुओं की लापरवाही के वजह से केदारनाथ धाम मैं अलग-अलग जगहों पर प्लास्टिक के कचरे का ढेर बन गया है जो कि स्थानीय लोगों के लिए चिंता बढ़ा दी है।
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर रमेश नेगी ने कहा कि केदारनाथ जैसे संवेदनशील स्थान पर जिस तरह प्लास्टिक का कचरा जमा हो गया है वह हमारी परिस्थिति के लिए काफी खतरनाक है जिसके क्षरण होगा जो हुआ भूस्खलन का कारण बन सकता है, हमें 2010 की त्रासदी को ध्यान में रखना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।
एच ए पी पी आर सी के निदेशक प्रोफेसर एमसी नौटियाल ने कहा कि पर्यटकों की आमद कई गुना बढ़ गई है जिसके कारण प्लास्टिक कचरा बढ़ गया है क्योंकि हमारे पास उचित स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं है इससे प्राकृतिक वनस्पति प्रभावित हुई है औषधीय पौधे भी विलुप्त हो रहे हैं।