वाड्रा के करीबी पर कानून की गिरफ्त! संजय भंडारी को कोर्ट ने ठहराया आर्थिक भगोड़ा

 दिल्ली की विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया, जिससे अब उसे यूनाइटेड किंगडम से भारत लाने की प्रक्रिया और अधिक मजबूत व आसान हो गई है।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

National News:  दिल्ली की एक विशेष अदालत ने शनिवार को संजय भंडारी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया, जो हथियारों की डीलिंग से जुड़े मामलों में पहले से जांच के घेरे में था। यह आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ED) की अर्जी पर सुनवाई के बाद जारी किया गया। अदालत ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018' के अंतर्गत यह फैसला सुनाया, जिससे भंडारी के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण की भारत की कोशिशों को अब कानूनी आधार और बल मिल गया है। बता दें कि भंडारी वर्ष 2016 में उस समय लंदन भाग गया था, जब उस पर कई एजेंसियों ने वित्तीय अनियमितताओं की जांच शुरू की थी।

भंडारी 2016 में लंदन भाग गया था, जब ED समेत कई एजेंसियों ने उसकी पैतृक संपत्तियों में संदिग्ध लेन‑देन पकड़ा। अब अदालत के आदेश से भारत सरकार की पकड़ मजबूत हुई। प्रत्यर्पण प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है। रॉबर्ट वाड्रा का नाम भी चर्चा में है, क्योंकि आरोप है कि उन्हीं के पैसे से लंदन में संपत्ति खरीदी गई। ED ने 2023 में आरोप-पत्र दाखिल किया था, जिसमें वाड्रा—भंडारी कनेक्शन का जिक्र है।

वाड्रा पर बढ़ती निगाहें

ED की ताज़ा कार्रवाई से वाड्रा पर शिकंजा कसा गया है। भंडारी को पटाने के साथ-साथ एजेंसी अब वाड्रा से पूछताछ करना चाहती है। पिछले महीने जारी समन का जवाब वाड्रा नहीं दे सके, कोविड को बहाना बताया। अब सीधे पूछताछ का समय आ गया है। आरोप है कि हज़ारों करोड़ों का लेन‑देन इसी नेटवर्क के ज़रिए हुआ था।

2009 लंदन संपत्ति विवाद

यह मामला 2009 की उस ख़रीदारी से जुड़ा है, जिसमें ‘रेड लिस्ट’ में दर्ज ब्रिटिश संपत्ति शामिल है। ED का दावा है कि संपत्ति पर खर्च किया गया पैसा सीधे वाड्रा के फंड से आया था। भंडारी ने संपत्ति नवीनीकरण के नाम पर भारी रकम खर्च की। इस ट्रांज़ैक्शन को "पैसा लाने का रास्ता" बताया गया।

प्रत्यर्पण आसान बना रास्ता

विशेष अदालत के आदेश के बाद भारत सरकार की प्रत्यर्पण याचिका और सशक्त हो गई है। अब इंटरपोल और ब्रिटिश सरकार के समक्ष यह केस और मजबूती से पेश किया जा सकेगा। इससे 2016 के बाद से टिके भंडारी को वापस लाने में निर्णायक भूमिका निभाई जा सकती है।

वाड्रा ने किया इंकार

वाड्रा ने हर आरोप को "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया। उन्होंने कहा कि वह बीजेपी की ‘राजनीतिक दमन’ के तहत पड़ रहे हैं। इन आरोपों को उन्होंने राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज किया, और कहा कि यह मामला उनके पॉलिटिकल करियर को नुकसान पहुंचाने की साजिश है।

राजनीतिक साज़िश आशंका

विश्लेषकों का मानना है कि इस पूरे कांड में पार्टी‑राजनीति का असर साफ दिख रहा है। ED की कार्रवाई समय‑बद्ध है और वाड्रा—भंडारी कनेक्शन पर नए सबूत सामने आ सकते हैं। इससे आगामी चुनावी अखाड़े में भूचाल आ सकता है।

आगे की राह और फोकस

अब प्रश्न यह है कि क्या ब्रिटेन प्रत्यर्पण मंज़ूर करेगा? और ED कितना समय में भंडारी को लाने में सक्षम होगी? साथ ही, वाड्रा की मुश्किलें कितनी गहराएँगी? आने वाले समय में इन तीन सवालों के जवाब मिलने से राष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल हो सकती है।

calender
05 July 2025, 08:16 PM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag