score Card

ओडिशा में बेरोजगारी की तस्वीर? हवाई पट्टी पर 8,000 उम्मीदवार, पद 200 से कम

ओडिशा से जुड़ी एक असामान्य घटना इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. महज 200 से भी कम पदों के लिए 8,000 से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा आयोजित की गई और इतनी बड़ी संख्या को बैठाने के लिए संबलपुर की एक हवाई पट्टी को परीक्षा केंद्र बनाया गया.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

ओडिशा से जुड़ी एक असामान्य घटना इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. राज्य में होम गार्ड भर्ती परीक्षा के दौरान ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने सभी को हैरान कर दिया. महज 200 से भी कम पदों के लिए 8,000 से अधिक अभ्यर्थियों की परीक्षा आयोजित की गई और इतनी बड़ी संख्या को बैठाने के लिए संबलपुर की एक हवाई पट्टी को परीक्षा केंद्र बनाया गया. जमीन पर बैठकर परीक्षा देते उम्मीदवारों के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं.

16 दिसंबर को आयोजित हुई थी लिखित परीक्षा 

रिपोर्ट्स के अनुसार, ये लिखित परीक्षा 16 दिसंबर को आयोजित हुई थी. कुल 187 होम गार्ड पदों के लिए हजारों युवाओं ने आवेदन किया था, जिनमें कई उच्च शिक्षित उम्मीदवार भी शामिल थे. रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षा में शामिल कुछ अभ्यर्थी एमबीए और एमसीए जैसी प्रोफेशनल डिग्रियां हासिल कर चुके थे. ओडिशा में होम गार्ड के पद पर चयनित उम्मीदवारों को प्रतिदिन 639 रुपये का मानदेय दिया जाता है.

अभ्यर्थियों की भारी भीड़ को देखते हुए जिला पुलिस प्रशासन ने एक कम इस्तेमाल होने वाली हवाई पट्टी को परीक्षा स्थल के रूप में चुना. अधिकारियों का कहना है कि इतने बड़े स्तर पर परीक्षा को सुचारू ढंग से संपन्न कराने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी. साथ ही, निगरानी और अनुशासन बनाए रखने के लिए ड्रोन कैमरों का भी सहारा लिया गया.

राजनीतिक बहस का जन्म 

हालांकि, इस पूरी व्यवस्था ने राजनीतिक बहस को भी जन्म दे दिया. जैसे ही परीक्षा से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ओडिशा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा. टीएमसी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह किसी फिल्म का दृश्य नहीं, बल्कि भाजपा शासित राज्य की वास्तविक स्थिति है, जहां हजारों शिक्षित युवा कुछ ही पदों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पार्टी ने इसे बेरोजगारी का उदाहरण बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार पर सवाल खड़े किए.

एक अधिकारी के अनुसार, कई उम्मीदवार सुबह छह बजे ही परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे, लेकिन प्रश्न पत्र उन्हें सुबह नौ बजे वितरित किए गए. लिखित परीक्षा की अवधि एक घंटे की थी, जिसमें 20 अंकों का अनुच्छेद लेखन और 30 अंकों का सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न शामिल थे.

इस पूरे विवाद पर अब तक ओडिशा भाजपा की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन यह घटना राज्य में रोजगार की स्थिति और भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर बहस को और तेज कर गई है.

calender
22 December 2025, 03:45 PM IST

ताजा खबरें

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag