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आगरा धर्मांतरण रैकेट का पाकिस्तान और गाजा से संबंध, लड़कियों को निशाना बनाने के लिए ऑनलाइन गेम का इस्तेमाल

आगरा पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण रैकेट का खुलासा किया, जिसमें पाकिस्तानी संपर्क, सोशल मीडिया और डार्क वेब के ज़रिए लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रभावित किया जा रहा था. गिरफ्तार 14 लोगों से पूछताछ चल रही है. नेटवर्क देहरादून, बरेली समेत कई शहरों तक फैला था और गाजा से फंडिंग के संकेत मिले हैं.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

आगरा पुलिस ने शनिवार को एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश किया, जिसमें पाकिस्तान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय संबंध सामने आए हैं. इस रैकेट में कथित रूप से शामिल कई युवतियां पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थीं. जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क इंटरनेट आधारित कई माध्यमों जैसे सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म, एन्क्रिप्टेड चैट ऐप्स और डार्क वेब के जरिए चलाया जा रहा था.

लड़कियों को इस्लाम अपनाने के लिए किया जा रहा था प्रभावित

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान से जुड़े व्यक्ति लड़कियों से संपर्क कर इस्लामी मान्यताओं की जानकारी देते थे और उन्हें धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते थे. इसी नेटवर्क की कुछ कश्मीरी महिलाएं भी सक्रिय थीं, जो हिंदू धर्म की आलोचना कर इस्लाम को बढ़ावा देने की कोशिश करती थीं. पुलिस का दावा है कि यह एक योजनाबद्ध तरीका था, जिसमें किशोरियों और युवतियों को धीरे-धीरे मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता था.

पूछताछ में सामने आए कई चौंकाने वाले तथ्य

आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 14 लोगों से पूछताछ की गई है और कई लड़कियों को बचाया गया है. इनमें से एक 21 वर्षीय युवती ने उत्तराखंड में मजिस्ट्रेट के सामने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 183 के तहत बयान दर्ज कराया है. उसे इस केस की मुख्य गवाह माना जा रहा है.

सोशल मीडिया हैंडलर पर निगरानी

पुलिस ने दो पाकिस्तानी नागरिकों तनवीर अहमद और साहिल अदीम की पहचान की है, जो सोशल मीडिया के जरिए युवतियों के संपर्क में थे. ये लोग धार्मिक विचारों को बढ़ावा देने और लड़कियों को प्रभावित करने का काम कर रहे थे.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह नेटवर्क विशेष रूप से ऑनलाइन गेमिंग में शामिल युवाओं को निशाना बनाता था और फिर उन्हें सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स के जरिए इस्लामी विचारधारा से जोड़ता था.

गाजा से आर्थिक मदद 

इस नेटवर्क को कथित रूप से दो धर्मांतरण कर चुके लोगों अब्दुल रहमान उर्फ रहमान चाचा (पूर्व में महेंद्र पाल) और आयशा (पूर्व में एसबी कृष्णा) द्वारा संचालित किया जा रहा था. एक अन्य आरोपी, रहमान कुरैशी, फंडिंग के लिए क्राउडफंडिंग और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करता था. जांच में कुछ लेन-देन गाजा क्षेत्र से जुड़े लोगों से भी जुड़े पाए गए हैं.

कोडित भाषा में करते थे संवाद

तीन आरोपी ऐसे भी हैं जो डार्क वेब और एन्क्रिप्टेड संचार में निपुण हैं. वे निगरानी से बचने के लिए कोडवर्ड और गुप्त भाषा का प्रयोग करते थे. पुलिस अब इस नेटवर्क के सभी लिंक और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की विस्तृत जांच कर रही है.

अन्य जिलों में भी फैला था नेटवर्क

देहरादून, बरेली, अलीगढ़, झज्जर और रोहतक से भी कई पीड़ित लड़कियों को बचाया गया है. उनसे पूछताछ जारी है ताकि नेटवर्क के पूरे दायरे और कार्यप्रणाली को उजागर किया जा सके.

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27 July 2025, 03:07 PM IST

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