कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन को मिल चुका है दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, जानें कौन हैं डॉ. शायना सुनसारा
कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन, डॉ. शायना सुनसारा को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार मिल चुका है. वह एक प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर, पर्यावरणविद् और पूर्व सेना कैडेट हैं. आज दोनों बहनें अपने-अपने क्षेत्र में शानदार सफलता हासिल कर चुकी हैं. जानें शायना के बारे में और उनके सफर की पूरी कहानी, जो आपको प्रेरित कर सकती है!

Inspiration Story: कर्नल सोफिया कुरैशी की जुड़वां बहन डॉ. शायना सुनसारा भी सुर्खियों में हैं. सोफिया कुरैशी के सैनिक जीवन और उनकी उपलब्धियों के बारे में तो हम सभी जानते हैं लेकिन अब उनकी बहन की भी एक ऐसी पहचान बन चुकी है जो बहुतों के लिए प्रेरणास्त्रोत है. शायना सुनसारा, जो कि एक अर्थशास्त्री, पूर्व सेना कैडेट, फैशन डिजाइनर और पर्यावरणविद् हैं, ने हाल ही में भारतीय फैशन उद्योग में अपने योगदान के लिए प्रतिष्ठित दादा साहेब फाल्के पुरस्कार जीता है.
सैन्य परिवार से प्रेरणा: दोनों बहनों की यात्रा
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की महिला अधिकारी के रूप में एक प्रेरणा बन चुकी हैं. वह 2016 में पहले बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं, और अब वह ऑपरेशन सिंदूर ब्रीफिंग में प्रमुख महिला अधिकारियों में से एक हैं. कर्नल सोफिया ने भारतीय सेना के सिग्नल कोर में 1999 में कदम रखा और आज भी वह भारतीय सेना की एक महत्वपूर्ण अधिकारी हैं.
सोफिया के साथ-साथ उनकी जुड़वां बहन डॉ. शायना सुनसारा भी किसी से पीछे नहीं हैं. वह अपनी पहचान एक साहसी, आत्मनिर्भर और समाज में योगदान देने वाली महिला के रूप में बना चुकी हैं. गुजरात के वडोदरा में जन्मी इन दोनों बहनों का एक सैन्य परिवार में पालन-पोषण हुआ, जो भारतीय सेना के प्रति उनके समर्पण और प्यार को स्पष्ट रूप से दर्शाता है.
शायना सुनसारा: मिस गुजरात से लेकर पर्यावरणविद तक
डॉ. शायना सुनसारा को लोग 'वंडर वुमन' के नाम से भी पहचानते हैं. वह मिस गुजरात, मिस इंडिया अर्थ 2017, और मिस यूनाइटेड नेशंस 2018 की ताज पहनने वाली महिला हैं. शायना ने राइफल शूटिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया है. वह फैशन डिजाइनर के साथ-साथ एक मॉडल भी हैं और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रही हैं. शायना की पहल के तहत, उन्होंने गुजरात में 100,000 पेड़ लगाने का काम किया जो पर्यावरण को बचाने के लिए उनकी ओर से एक अहम कदम था.
शायना का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को यह नहीं पता था कि कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी देने जा रही हैं. एक रिश्तेदार ने उन्हें फोन किया और टीवी पर समाचार देखने के लिए कहा, जब उन्हें पता चला कि उनकी बहन इस अहम मिशन का हिस्सा हैं. शायना ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, "हमारी सरकार और पीएम मोदी ने बहुत अच्छा जवाब दिया."
कर्नल सोफिया और डॉ. शायना: दोनों बहनों की सफलता की कहानी
कर्नल सोफिया कुरैशी और डॉ. शायना सुनसारा दोनों अपनी-अपनी जगह पर सफलता की नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. एक तरफ कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रही हैं और दूसरी ओर डॉ. शायना सुनसारा भारतीय फैशन उद्योग में अपने योगदान के लिए सम्मानित हो रही हैं. दोनों बहनें ना केवल अपनी करियर में उत्कृष्टता की मिसाल प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि वे समाज में महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं.
इनकी यात्रा यह दर्शाती है कि कोई भी मुश्किल, चाहे वह सैन्य जीवन हो या समाज में अपना नाम कमाना, अगर समर्पण और मेहनत के साथ किया जाए तो हर सपना हकीकत बन सकता है. दोनों बहनों का योगदान समाज में महत्वपूर्ण बदलाव लाने की दिशा में है, और उनका प्रयास बाकी महिलाओं को भी प्रेरित करता है.