खुद ही जज, खुद पर फैसला: कोचिंग सेंटर कांड में MCD ने MCD को किया बरी, दिए मौतों के 6 कारण
Delhi News: दिल्ली IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में शनिवार को अचानक पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत के बाद एमसीडी ने बड़ा एक्शन लिया है. एमसीडी ने पुराने राजिंदर नगर क्षेत्र में 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है. राजेंद्र नगर के राऊ स्थित आईएएस सर्किल कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत की जांच रिपोर्ट में एमसीडी ने खुद पर से सारा दोष हटा लिया है.
Delhi News: दिल्ली में एक IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में बीते दिन शनिवार को अचानक पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत के एक दिन बाद रविवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने बड़ा एक्शन लिया है. एमसीडी ने पुराने राजिंदर नगर क्षेत्र में 13 कोचिंग सेंटरों को सील कर दिया है, जो नियमों का उल्लंघन करते पाए गए.
राजेंद्र नगर में राऊ के आईएएस सर्किल कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत पर अपनी जांच रिपोर्ट में , दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने खुद से सारे दोष हटाते हुए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया
एमसीडी की रिपोर्ट
राजेंद्र नगर में राऊ के आईएएस सर्किल कोचिंग सेंटर में 3 छात्रों की मौत पर अपनी जांच रिपोर्ट में बनाई गई जिसमें दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने खुद से ही सारे दोष हटाते हुए कई कारणों को जिम्मेदार ठहराया है, कोचिंग संस्थान से ड्रेनेज सिस्टम को ब्लॉक किया, नाले को ऊपर से कवर कर दिया. वहां सुरक्षा के कोई उपाय भी नहीं थे. कोचिंग संस्थान का पार्किंग स्थल सीधे सड़क से मिलता है और भारी बारिश की स्थिति में सड़क पर आने वाला पानी नाले में जाने की बजाए सीधा पार्किंग में जा सकता है.
एमसीडी कमिश्नर ने कही ये बात
एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने कहा है कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसमें हमने दो-तीन मोर्चों पर काम किया ह. हम उस क्षेत्र में सभी अतिक्रमणों को ध्वस्त कर देंगे और वहां जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करेंगे. सभी बेसमेंट जो अवैध हैं या कोचिंग सेंटर वहां चल रहे हैं, हम उनके खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं. दिल्ली नगर निगम (MCD) ने एक जूनियर इंजीनियर को बर्खास्त कर दिया है और एक सहायक इंजीनियर को निलंबित कर दिया है और संबंधित कार्यकारी इंजीनियर से स्पष्टीकरण मांगा है.
छात्रों ने शुरू करी भूख हड़ताल
दिल्ली ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के बेसमेंट में छात्रों की मौत के बाद विरोध कर छात्रों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है. डीसीपी दिल्ली सेंट्रल ने एक बयान में कहा कि छात्रों से हर दिन वार्ता की जा रही है. उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा कि घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का प्रयास किए जा रहे हैं। एक बयान में डीसीपी सेंट्रल एम हर्ष वर्धन का कहना है, 'हम यहां प्रदर्शन कर रहे छात्रों से हर दिन बात करते हैं. हम उनके मुद्दों को समझने की कोशिश करते हैं और उन्हें अन्य एजेंसियों तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं'.
मौत के 6 कारण बताए गए
➤ एमसीडी के अधीक्षक अभियंता नागपाल के अनुसार,सड़क पर कई संपत्तियां व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बदल दी गई हैं और सुविधा के लिए, संपत्ति मालिकों ने रैंप बनाए हैं जो 'बारिश के दौरान तूफान के पानी को जल निकासी प्रणाली में प्रवेश करने से रोकते हैं'. रिपोर्ट में कहा गया है, 'संपत्ति मालिकों ने ड्रेनेज सिस्टम के मौजूदा निर्मित हिस्से को ग्रेनाइट, संगमरमर, कोटा पत्थर लगाकर ढक दिया है, जिससे नालियों की सफाई की कोई गुंजाइश नहीं बची है'.
➤दूसरा कराण में शंकर रोड से पूसा रोड तक सड़क की रूपरेखा तश्तरी के आकार में है, जिसमें सबसे निचला बिंदु राऊ (आईएएस) कोचिंग संस्थान के सामने है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'भारी बारिश के दौरान, इस 200 फीट के हिस्से में पानी जमा हो जाता है और जब भी वाहन गुजरते हैं तो पानी का बड़ा छींटा पड़ता है जिससे स्थिति और खराब हो जाती है'
➤ तीसरा कारण बताया है कि संस्थान पर नालियों को अवरुद्ध करने और अपने बेसमेंट को "खुले पार्किंग" के बगल में रखने का आरोप लगाया. रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस कोचिंग संस्थान ने जल निकासी व्यवस्था को पूरी तरह से बंद कर दिया है और इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा उपाय भी नहीं किए हैं और संस्थान तक पार्किंग का रास्ता सीधे सड़क के सामने है' .
➤ चौंथा कारण बताया कि भारी बारिश की स्थिति में, पानी, स्टॉर्मवॉटर नाले में जाने के बजाय सीधे इस पार्किंग क्षेत्र में प्रवेश करता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी तरह की संपत्तियों ने एक अवरोधक दीवार का निर्माण किया है जो यह सुनिश्चित करता है कि भारी जलभराव की स्थिति में पानी पार्किंग क्षेत्र में प्रवेश न करे.
➤कोचिंग सेंटर के कर्मचारियों को सतर्क न होने के लिए दोषी ठहराया. नागपाल ने कहा कि 'सुरक्षा कर्मचारियों की ओर से कोई सतर्कता नहीं बरती गई, जिसके परिणामस्वरूप पानी बिना रुके पार्किंग क्षेत्र को पार कर बेसमेंट में घुस गया, जिससे अंततः तीन होनहार बच्चों की कीमती जान चली गई'
➤छठा कारण में कहा कि बेसमेंट का इस्तेमाल भंडारण के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जा रहा था क्योंकि बेसमेंट में कई वर्क स्टेशन और क्यूबिकल्स थे जो दिल्ली मास्टर प्लान और बिल्डिंग बायलॉज के तहत बेसमेंट उपयोग मानदंडों का उल्लंघन है. रिपोर्ट में कहा गया है, 'इस उल्लंघन के कारण लोगों की जान चली गई'.