Explainer : कांग्रेस और बीजेपी के पास कितना पैसा है? सबसे पुरानी पार्टी को क्यों पड़ी 'क्राउड फंडिंग' की जरूरत?

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का क्या वाकई खजाना क्या खाली हो चुका है? क्या कांग्रेस के पास 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं बचा है? आखिर 138 साल पुरानी कांग्रेस को 'क्राउड फंडिंग' की जरूरत क्यों पड़ गई है.

Pankaj Soni
Pankaj Soni

देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का खजाना क्या खाली हो चुका है. क्या कांग्रेस के पास 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं बचा है? आखिर 138 साल पुरानी कांग्रेस को 'क्राउड फंडिंग' की जरूरत क्यों पड़ गई है. कांग्रेस ने क्राउड फंडिंग के लिए 'डोनेट फॉर देश' अभियान शुरू किया है. इस अभियान के बाद कई सारे सवाल उठ रहे हैं. इस अभियान के तहत 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति कम से कम 138 रुपये डोनेट कर सकता है. कांग्रेस ने इसे 'डोनेट फॉर देश' नाम दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 1 लाख 38 हजार रुपये डोनेट कर इस अभियान की शुरुआत की है. हालांकि, बीजेपी ने इसको लेकर कांग्रेस को घेरा है. बीजेपी का आरोह है कि जिन्होंने 60 साल तक देश को लूटा, वो अब उसी देश से चंदा मांग रहे हैं. अब सवाल यह उठता है कि क्या सच में कांग्रेस का खजाना खाली हो गया है.

राजनीतिक पार्टियों की कमाई-खर्च और संपत्तियों का लेखा-जोखा रखने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म हर साल रिपोर्ट जारी करती है. इसमें राजनीतिक पार्टियों की संपत्ति का ब्योरा भी दिया जाता है. इस रिपोर्ट  के अनुसार हम आपको कांग्रेस और बीजेपी की संपत्ति और इन दोनों दलों को मिलने वाली फंडिंग और खर्च के बारे में बता रहे हैं. 

 

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2019 में कांग्रेस और बीजेपी को मिला फंड और खर्च.

ज्यादा संपत्ति बीजेपी के पास

एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021-22 में सबसे ज्यादा संपत्ति बीजेपी के पास थी. बीजेपी के पास 2021-22 तक 6 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति थी. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उसकी संपत्ति कई गुना बढ़ी है. सत्ता में आने से पहले तक 2013-14 में बीजेपी के पास 781 करोड़ रुपये की संपत्ति थी. इसके साथ ही कांग्रेस की संपत्ति में घटती-बढ़ी रही है. 2013-14 में कांग्रेस की संपत्ति 767 करोड़ रुपये थी, जो 2018-19 में बढ़कर 929 करोड़ रुपये हो गई. 2021-22 में कांग्रेस के पास 806 करोड़ रुपये की संपत्ति थी.

10 साल में बीजेपी-कांग्रेस की संपत्ति का ब्योरा 

   साल                   बीजेपी            कांग्रेस  
2012-13                 464                 586 
2013-14                 781                 767 
2014-15                 760                 702 
2015-16                 894                 759 
2016-17                1,213               855
2017-18                1,483               724
2018-19                2,904               929
2019-20                4,848               588 
2020-21                4,990               691 
2021-22                6,047               806

 

पार्टियां कमाई कहां से करती हैं?

राजनीतिक दलों की कमाई का सबसे बड़ा सोर्स चुनावी बॉन्ड होता है. जो बैंकों से मिलता है. इसे ऐसे समझिए कि किसी व्यक्ति ने SBI से चुनावी बॉन्ड खरीदा और उसे किसी पार्टी को दे दिया. ये बॉन्ड 1 हजार रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक का हो सकता है. बीते पांच साल में चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा कमाई बीजेपी को हुई है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 2016-17 से 2021-22 के बीच बीजेपी को 10,122 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. इसमें से 5,272 करोड़ रुपये का चंदा चुनावी बॉन्ड से आया है. वहीं, इन्हीं पांच साल के दौरान कांग्रेस को महज 1,547 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. इसमें से 952 करोड़ रुपये का चंदा सिर्फ चुनावी बॉन्ड से ही मिला है. चुनावी बॉन्ड के अलावा डोनेशन, क्राउड फंडिंग और मेंबरशिप से आने वाली रकम भी राजनीतिक पार्टियों की कमाई का बड़ा सोर्स होता है. इसके अलावा कॉर्पोरेट डोनेशन से भी पार्टियों की कमाई होती है. इसमें बड़े कारोबारी पार्टियों को डोनेशन देते हैं.

लगातार बढ़ रहे चुनावी खर्चे 

चुनाव कराने का खर्च सरकार और राजनीतिक दलों दोनों के लिए ही लगातार बढ़ता जा रहा है. एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान सात राष्ट्रीय पार्टियों को साढ़े 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड मिला था. इन पार्टियों ने चुनावों में 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया. 2019 में बीजेपी को 4,057 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी. इसमें बीजेपी ने 1,142 करोड़ रुपये खर्च किए थे. जबकि, कांग्रेस को 1,167 करोड़ रुपये का फंड मिला था, जिसमें से उसने 626 करोड़ रुपये खर्च किए थे.

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20 December 2023, 06:22 PM IST

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