PM Modi in Shahdol Visit: हमारा संकल्प है कि 2047 तक देश सीकलसेल से मुक्त हो- बोले पीएम मोदी

PM Modi in Shahdol Visit: PM मोदी शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के शुभारंभ के दौरान रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि दी. मैंने देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है. सीकलसेल एनीमिया बेहद कष्टदायक है

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PM Modi in Shahdol Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के शुभारंभ के दौरान रानी दुर्गावती को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "मुझे याद है जब लगभग सवा साल के लिए कांग्रेस की सरकार थी उन्होंने आयुष्मान कार्ड नहीं बनाया, जल जीवन मिशन लागू नहीं किया, प्रधानमंत्री आवास के लिए केंद्र के तरफ से 2 लाख से ज़्यादा घर बनाने की योजना को वापस कर दिया."

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन पोर्टल लॉन्च किया. PM मोदी शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन पोर्टल लॉन्च के दौरान सिकलसेल लाभार्थियों को सिकलसेल काउंसलिंग कार्ड वितरित किया.

पीएम मोदी ने रानी दुर्गावती  श्रद्धांजलि आर्पित की


PM मोदी ने शहडोल के सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन शुरू किया, इस दौरान उन्होंने कहा, "आज मुझे रानी दुर्गावती जी की इस पावन धरती पर आप सभी के बीच आने का सौभाग्य मिला है. मैं रानी दुर्गावती जी के चरणों  में अपनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूं. उनकी प्रेरणा से आज सिकल सेल एनीमिया मुक्ति मिशन अभियान की शुरुआत हो रही है. आज ही मध्य प्रदेश में 1 करोड़ लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड भी दिए जा रहे हैं. इन दोनों ही प्रयासों के सबसे बड़े लाभार्थी हमारे गोंड समाज, भील समाज और अन्य हमारे आदिवासी समाज के लोग ही हैं."


पीएम मोदी ने कहा, "आज शहडोल की इस धरती पर देश बहुत बड़ा संकल्प ले रहा है. ये संकल्प हमारे देश के आदिवासी भाई-बहनों के जीवन को सुरक्षित बनाने का संकल्प है. ये संकल्प है सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से मुक्ति का. ये संकल्प है हर साल सिकल सेल एनीमिया की गिरफ्त में आने वाले 2.5 लाख बच्चों और उनके परिवारजनों के जीवन बचाने का. मैंने देश के अलग-अलग इलाकों में आदिवासी समाज के बीच एक लंबा समय गुजारा है. सिकल सेक एनीमिया जैसी बीमारी बहुत कष्टदायी होती है."

ये बीमारी परिवारों को भी बिखेर देती है. ये बीमारी न पानी से होती है, न हवा से और न भोजन से फैलती है. ये बीमारी आनुवंशिक होती है यानी माता-पिता से ही बच्चे में ये बीमारी आती है. पूरी दुनिया में 'सिकल सेल एनीमिया' के जितने मामले होते हैं, उनमें से आधे अकेले हमारे देश में होते हैं. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पिछले 70 वर्षों में कभी इसकी चिंता नहीं हुई. इससे निपटने के लिए कोई ठोस प्लान नहीं बनाया गया.लेकिन आदिवासी समाज की इस सबसे बड़ी चुनौती को हल करने का बीड़ा अब हमारी सरकार ने उठाया है. हमारे लिए आदिवासी समाज सिर्फ एक सरकारी आंकड़ा नहीं है, ये हमारे लिए संवेदनशीलता का विषय है, भावनात्मक विषय है.

First Updated : Saturday, 01 July 2023