नकली घी से चढ़ा प्रसाद!...तिरुपति लड्डू में चर्बी मिलाने के केस में हैरान करने वाले खुलासे, जानिए क्या है 50 लाख का गेम
तिरुपति मंदिर के पवित्र लड्डुओं में मिलावट के मामले में जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, घी सप्लाई में 50 लाख रुपये का लेनदेन हुआ था जो पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी के सहायक को मिला. चार कंपनियों पर दस्तावेजों में हेराफेरी और घटिया घी सप्लाई करने के आरोप हैं.

तिरुपति : देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शुमार तिरुमला तिरुपति बालाजी मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डू न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं बल्कि मंदिर की पहचान भी माने जाते हैं. हालांकि, बीते साल इन लड्डुओं की पवित्रता पर सवाल खड़े हो गए जब जांच में खुलासा हुआ कि इनमें जानवरों की चर्बी मिला घी इस्तेमाल किया गया था. मामला इतना गंभीर था कि यह सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया.
50 लाख रुपये के लेनदेन का खुलासा
पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के पास हुआ था लेनदेन
जांच में पता चला कि यह रकम हवाला एजेंटों के माध्यम से पहुंचाई गई थी. उत्तर प्रदेश की एग्री फूड्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने यह पैसा भेजा था. रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली स्थित एजेंट अमन गुप्ता ने पहले 20 लाख रुपये चिन्नाप्पन्ना को दिए, जबकि बाकी रकम विजय गुप्ता नामक एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने सौंपी. दोनों बार यह लेनदेन दिल्ली के पटेल नगर मेट्रो स्टेशन के पास हुआ था.
जांच में चार कंपनियों की भूमिका
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित संयुक्त जांच समिति जिसमें सीबीआई, राज्य पुलिस और फूड सेफ्टी विभाग के अधिकारी शामिल थे ने इस घोटाले की गहन जांच की. रिपोर्ट में सामने आया कि मंदिर को घी सप्लाई करने में चार कंपनियां शामिल थीं. इन कंपनियों ने टेंडर हासिल करने के लिए दस्तावेजों में हेराफेरी की और कीमतों में बदलाव किया.
घी में पाम ऑयल और केमिकल्स का उपयोग
जांच के अनुसार, लगभग 60.37 लाख किलो घी को 240.8 करोड़ रुपये में बेचा गया. मुख्य रूप से यह घी भोले बाबा ऑर्गैनिक डेयरी मिल्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया था. कंपनी के रुड़की स्थित प्लांट में तैयार इस घी में पाम ऑयल और केमिकल्स का उपयोग किया गया था.
घी सप्लाई में मिली कंपनियों की गड़बड़ी
रिपोर्ट में बताया गया कि घी की आपूर्ति तीन अन्य कंपनियों के माध्यम से भी की गई.श्री वैष्णवी डेयरी ने ₹133.12 करोड़ में सप्लाई की. मालगंगा मिल्क एंड एग्रो प्रोडक्ट्स ने ₹73.18 करोड़ में और एआर डेयरी फूड्स ने ₹1.61 करोड़ के घी की सप्लाई की. इन सभी कंपनियों पर दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा और घटिया गुणवत्ता वाला घी सप्लाई करने के आरोप लगे हैं.
वैज्ञानिक रिपोर्ट ने खोली पोल
मैसुरु स्थित सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया कि लड्डुओं में इस्तेमाल किया गया घी मिलावटी था. इसके बावजूद, संबंधित कंपनियों से घी की आपूर्ति 2024 तक जारी रही. इस खुलासे ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मिलावट की पुष्टि के बावजूद सप्लाई बंद क्यों नहीं की गई और दोषियों पर कार्रवाई में देरी क्यों हुई.
धार्मिक आस्था पर सवाल और कानूनी कार्रवाई की मांग
तिरुपति लड्डू, जो भक्तों की श्रद्धा का प्रतीक माने जाते हैं, उनमें इस तरह की मिलावट के खुलासे ने देशभर में आक्रोश और निराशा फैला दी है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है, और अदालत ने कड़ी जांच और जवाबदेही तय करने के निर्देश दिए हैं. लोगों की नजरें अब इस बात पर टिकी हैं कि इस घोटाले में शामिल लोगों पर कब और कैसी कार्रवाई होगी.


