score Card

फरीदाबाद मॉड्यूल की गिरफ्तारी से डर गया था डॉ. उमर, जल्दबाजी में बनाया प्लान, जांच में अब तक हुए ये खुलासे

दिल्ली कार विस्फोट को फिदायीन शैली का आतंकी हमला माना जा रहा है. संदेह डॉ. उमर पर है, जिसे फरीदाबाद मॉड्यूल से जोड़कर देखा जा रहा है. कार, विस्फोटक और CCTV सबूतों की जांच जारी है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः दिल्ली में सोमवार शाम हुए कार विस्फोट को लेकर जांच अब तेज हो गई है. प्रारंभिक संकेत बताते हैं कि यह घटना संभवतः फिदायीन शैली का आतंकी हमला थी. जांच से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस हमले के पीछे फरीदाबाद के जिस आतंकी मॉड्यूल का हाल ही में भंडाफोड़ हुआ था, उसी मॉड्यूल से जुड़े एक सदस्य डॉ. मोहम्मद उमर पर गंभीर संदेह है.

उमर के व्यवहार पर संदेह

सूत्रों के अनुसार, मॉड्यूल में शामिल डॉक्टर मुज़म्मिल शकील की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही उमर घबरा गया था. आशंका है कि इसी तनाव में उसने लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास खड़ी हुंडई i20 कार को एक भीड़भाड़ वाले समय पर विस्फोट कर दिया. इस धमाके में कम से कम आठ लोगों की मौत और कई के घायल होने की पुष्टि हुई है.

जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि घटना की प्रकृति फिदायीन हमले जैसी दिखती है, क्योंकि कार में बैठा व्यक्ति मौके पर मौजूद था और धमाका बहुत नियंत्रित और योजनाबद्ध तरीके से किया गया.

कार की खरीद-फरोख्त कड़ी पर जांच

सूत्रों का कहना है कि यह कार जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी तारिक ने खरीदी थी, जो फिलहाल पूछताछ में है. जांच का एक बड़ा हिस्सा अब यह पता लगाने में लगाया जा रहा है कि कार कैसे- कैसे हाथ बदलती हुई अंत में उमर तक पहुंची. शुरुआती रिकार्ड बताते हैं कि कार पहले मोहम्मद सलमान के नाम पर थी, फिर नदीम, फिर फरीदाबाद के पुराने कार डीलर रॉयल कार ज़ोन, उसके बाद तारिक और अंत में उमर के पास पहुँची. इतनी बार कार के मालिक बदलना जांच को और संदिग्ध बनाता है.

विस्फोट से पहले कार में लगाए गए विस्फोटक

खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक, कार में विस्फोटक पहले से लगाए गए थे. इसे जानबूझकर भीड़ वाली जगह पर ले जाया गया. शाम करीब 6:52 बजे कार में तेज धमाका हुआ, जिससे आग की लपटें कई फीट ऊपर उठीं और आसपास के वाहन व दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि इलाके की स्ट्रीट लाइटें भी बुझ गईं.

सामने आई सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर उमर को विस्फोट से कुछ घंटे पहले कार में बैठे देखा गया. सूत्रों का दावा है कि घटना के समय कार में वह अकेले थे, हालांकि इस पर आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है.

विस्फोटक सामग्री पर फोरेंसिक जांच

जांच से जुड़े अधिकारियों को संदेह है कि कार में ANFO (अमोनियम नाइट्रेट + फ़्यूल ऑयल) जैसे विस्फोटक का प्रयोग किया गया होगा, जो औद्योगिक विस्फोटकों में आम तौर पर इस्तेमाल होता है. एनएसजी और फोरेंसिक विशेषज्ञों ने विस्फोट स्थल से कई नमूने एकत्र किए हैं. इन नमूनों की जांच से तय होगा कि विस्फोटक किस प्रकार के थे और कैसे लगाए गए थे. कार से बरामद जले हुए शव का DNA टेस्ट कराया जा रहा है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वह वास्तव में उमर था या कोई और.

फरीदाबाद मॉड्यूल की भूमिका की जांच

सूत्रों के मुताबिक, फरीदाबाद मॉड्यूल को इस हमले की साजिश और सामग्री की आपूर्ति में मुख्य भूमिका निभाने का संदेह है. हाल ही में पुलिस ने इस मॉड्यूल से जुड़े ठिकानों से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, 2500 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री और कई इलेक्ट्रॉनिक ट्रिगर बरामद किए थे. अधिकारियों का कहना है कि यही नेटवर्क दिल्ली में बड़े आतंकी हमलों की योजना बना रहा था.

calender
11 November 2025, 10:07 AM IST

जरूरी खबरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो

close alt tag