Explainer: कहानी भारत के पहले खरबपति की...सरकार को दान में दिया था 425 किलो सोना!

Explainer: 77 साल पहले निज़ाम की कुल संपत्ति लगभग 17.5 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी. टाइम मैग्जीन ने निज़ाम को पहले पन्ने पर जगह दी और उन्हें दुनिया का सबसे अमीर आदमी बताया गया था.

Shabnaz Khanam
Shabnaz Khanam

Explainer: आजादी के वक्त यानी साल 1947 में हैदराबाद के निज़ाम नवाब मीर उस्मान अली खान न सिर्फ भारत के बल्कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स माने जाते थे. 77 साल पहले निज़ाम की कुल संपत्ति लगभग 17.5 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी. प्रसिद्ध इतिहासकार डोमिनिक लापिएरे और लैरी कॉलिन्स अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'फ्रीडम एड मिडनाइट' में लिखते हैं कि आजादी के समय हैदराबाद के निज़ाम के पास 2 मिलियन पाउंड से अधिक नकदी रही होगी. निज़ाम के महल में नोटों के बंडल अखबार में लपेटकर दुपट्टे में रखे जाते थे. 

अमीरी मतलब...निज़ाम मीर उस्मान अली ख़ान

हैदराबाद के सातवें निज़ाम मीर उस्मान अली ख़ान को देश के इतिहास में सबसे अमीर शख्स माना जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके पास इतना सोना था कि वो कीचड़ में पड़ा रहता था. जानकारी के मुताबिक, मीर उस्मान अली खान के पास 100 मिलियन पाउंड (45359 टन) से अधिक सोना था. जबकि वहां करीब 400 मिलियन पाउंड के हीरे, मोती, माणिक और अन्य जवाहरात हुआ करते थे. 

ये बी पढ़ें... देश के इस सबसे बड़े उद्योगपति ने एक के बाद एक की 6 शादियां, फिर समय बदला और राजा से फकीर हो गया

5000 किलो सोना किया था दान?

हैदराबाद के लोग आज भी निजाम के बारे में बात करते हैं, उनकी बातों में आज भी उनकी अमीरी का जिक्र सामने आता है. लोगों का कहना है कि 1965 में भारत और चीन के बीचज जंग हुई थी, उस वक्त निजाम ने सरकार को 5000 किलो सोना दान में दे दिया था. निजाम ने सरकार से एक ही गुजारिश की थी कि जिन बक्सों में सोना गया था वो बर्से उनको वापस भिजवा दिया जाए. हालांकि इस बात का कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिलता है. PMOने एक RTI के जवाब में भी इस तरह की जानकारी से इंकार किया था. 

ये भी पढ़ें...ईसाइयों का गीत भारत में कैसे बना बीटिंग रिट्रीट का हिस्सा? बाद में यह विवादों में क्यों पड़ गया

सरकार को 425 किलो सोना देने का सच

1965 में प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने भारत चीन की लड़ाई के दौरान फंड जुटाने की एक मुहिम शुरू की थी. इसमें सरकार ने एक स्कीम शुरू की थी जिसका नाम था  नेशनल डिफेंस गोल्ड स्कीम. निजाम ने इसी स्कीम में 4.25 लाख ग्राम (425 किलो) सोना दान किया था. इसका जिक्र खुद लाल बहादुर शास्त्री ने अपने संबोधन में भी किया था. उस वक्त दान किए गए सोने की कीमत 50 लाख के करीब बताई जाती है. 

दुनिया का सबसे रईस इंसान

रिपोर्ट्स बताती है कि निज़ाम के पास इतने सारे सोने के बर्तन थे कि अगर वह चाहते तो उन बर्तनों में एक साथ 200 से अधिक लोगों को खाना खिला सकते थे.  1947 में हैदराबाद के निज़ाम के पास 20 लाख पाउंड से अधिक नकदी थी. फरवरी 1937 में मशहूर टाइम पत्रिका ने अपने पहले पन्ने पर प्रकाशित कर निज़ाम को दुनिया का सबसे अमीर आदमी घोषित किया था. निज़ाम की दौलत इतनी थी कि वह 280 कैरेट के बेशकीमती 'जैकब' हीरे को पेपर वेट के तौर पर इस्तेमाल करते थे. 

1 करोड़ में बिकता वो सोना

निज़ाम मीर उस्मान अली खान ने जो सोना दान किया था वो सबी सोने के सिक्कों के रूप में था. इसकी वास्तविक कीमत काफी अधिक थी. उस वक्त लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि हम इन सोने के सिक्कों को पिघलाना नहीं चाहते, बल्कि विदेशों में बेचना चाहते हैं, इससे हमें करीब एक करोड़ रुपये मिल सकते हैं. उस वक्त ये रकम बहुत बड़ी रकम हुआ करती थी. दिलचस्प बात ये है कि 1911 में महज 25 साल की उम्र में निज़ाम ने गद्दी संभाली थी. जानकारी के मुताबिक, उस वक्त उनकी दौलत अमेरिका की GDP के दो फ़ीसदी के बराबर मानी जाती है. 

calender
31 January 2024, 09:07 AM IST

जरुरी ख़बरें

ट्रेंडिंग गैलरी

ट्रेंडिंग वीडियो