Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल लोकसभा में हुआ पास, जानिए किस नेता ने क्या कहा

Women Reservation Bill: आज राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा की जाएगी. बीते दिन लोकसभा में ये बिल पास हो गया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे.

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Women Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में बुधवार को महिला आरक्षण बिल पास हो गया. बिल पर वोटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहे. आज यानी 21 सितंबर को ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा. इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में औरतों के लिए 33 फीसद आरक्षण का प्रावधान है. जानिए संसद में बिल को लेकर चली बहस में किस नेता ने क्या कहा?

अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया विधेयक 

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने नए संसद भवन में मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में औरतों के लिए 33 फीसद रिज़र्वेशन देने का प्रावधान है. बिल पर हुई वोटिंग में इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. पर्चियों के जरिए वोटिंग कराई गई थी.

विपक्षी दलों का मिला समर्थन

इस बिल को पास करने के लिए सदन में कांग्रेस, सपा, डीएमके, टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने अहना समर्थन दिया. वहीं असदुद्दीन ओवैसी इसके विरोध में रहे, इसके साथ ही ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का एक सदस्य और इसके खिलाफ था.

सोनिया गांधी ने की चर्चा

सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की. जिसमें राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत टोटल 60 सदस्यों ने इस पर चर्चा में भाग लिया. चर्चा में 27 महिला सदस्य शामिल रहीं. चर्चा में सोनिया गांधी ने कहा ' सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे'. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा.'

मैं बिल के समर्थन में हूं- राहुल

राहुल गांधी ने भी बिल को अपना समर्थन देते हुए कहा कि 'ये हमारे देश की औरतों के लिए बहुत बड़ा कदम है. मैं बिल के समर्थन में हूं. ये बिल अधूरा है क्योंकि इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा. मेरी नज़र में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% रिज़र्वेशन देकर लागू कर देना चाहिए.'

महिला सशक्तिकरण मान्यता का सवाल है- शाह 

इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि 'कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. जो सालों से रुका हुआ था वो बिल सदन में पेश हो गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 'कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है, लेकिन बीजेपी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का सवाल है.'

ओबीसी और परिसीमन को लेकर उठे सवाल

ओबीसी और परिसीमन को लेकर सवाल उठ रहे हैं, जिसपर अमित शाह ने जवाब देते हुए कहा कि 'परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रोसेस का हिस्सा है जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य शामिल होते हैं. ये आयोग हर राज्य में जाकर ट्रांसपेरेंट तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ ट्रांसपेरेंसी का ही सवाल है.'

असदुद्दीन ओवैसी ने किया विरोध

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल का विरोध किया. उन्होंने कहा कि लोकसभा में ओबीसी सिर्फ 22% है और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी हमने संशोधन डाला था. सिर्फ 4% मुस्लिम महिलाएं हैं, उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए.' बिल में मुस्लिम महिलाओं को लेकर ओवैसी ने कहा कि 'भारत की आबादी में 7% मुस्लिम महिलाएं हैं और उनका प्रतिनिधित्व 0.7% है. हमने इसके खिलाफ वोट किया ताकि उन्हें पता चले कि दो सांसद थे जो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे थे.'

First Updated : Thursday, 21 September 2023