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मोदी बने दुनिया की उम्मीद, रूस-यूक्रेन जंग रोकने में भारत क्यों बना सबसे अहम खिलाड़ी

 रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब तक कोई सफलता नहीं दिखा पाए हैं। ऐसे समय में पूरी दुनिया भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर देख रही है कि शायद यहीं से शांति का रास्ता निकले

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का दावा राष्ट्रपति ट्रंप ने किया था, लेकिन हकीकत में वे सफल नहीं हो पाए। सत्ता में आने से पहले उन्होंने कहा था कि वे शांति ला देंगे, लेकिन जंग जारी रही। लगातार कोशिशों के बावजूद कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत पर उम्मीदें टिका रहा है। दुनिया मान रही है कि पीएम मोदी इस संकट को शांत कर सकते हैं। यही वजह है कि यूरोपियन यूनियन और यूक्रेनी राष्ट्रपति तक उनसे संवाद कर रहे हैं।

दुनिया को भारत पर भरोसा

SCO समिट में जब पीएम मोदी ने युद्ध के बजाय शांति की बात रखी तो संदेश साफ हो गया कि भारत ही मध्यस्थता कर सकता है। पेरिस में जब यूरोप के नेता जेलेंस्की के साथ चर्चा कर रहे थे, उसी दौरान यूरोपीय परिषद और आयोग के प्रमुखों ने पीएम मोदी से फोन पर बातचीत की। बाद में EU ने सोशल मीडिया पर कहा कि रूस को युद्ध खत्म कराने में भारत की अहम भूमिका है। ये बयान बताता है कि वैश्विक समुदाय मोदी को शांति दूत मानने लगा है।

भारत की संतुलित नीति

भारत ने रूस-यूक्रेन जंग पर कभी आक्रामक बयानबाज़ी नहीं की। 2022 में जब रूस ने हमला किया तब भी भारत ने खुले तौर पर निंदा करने के बजाय संवाद का रास्ता सुझाया। पीएम मोदी बार-बार कहते रहे कि जंग से कोई हल नहीं निकलेगा। उन्होंने साफ कहा कि बंदूक की नोक पर बातचीत सफल नहीं हो सकती। इस संतुलित रवैये ने भारत को दोनों पक्षों के बीच भरोसेमंद मध्यस्थ बनाया।

रूस और यूक्रेन दोनों पर असर

मोदी के पास वह ताकत है कि वे पुतिन और जेलेंस्की दोनों से सीधे बात कर सकते हैं। हाल ही में दोनों नेताओं ने पीएम मोदी से फोन पर चर्चा की। चीन में SCO मीटिंग में पुतिन और मोदी के बीच शांति पर बातचीत हुई। वहीं जेलेंस्की भी लगातार भारत को अहम मान रहे हैं। यह स्थिति दिखाती है कि भारत अब सिर्फ दर्शक नहीं बल्कि समाधान का हिस्सा बन चुका है।

भारत की मानवीय पहल

जंग शुरू होने के बाद भारत ने सिर्फ तेल और व्यापार नहीं बढ़ाया बल्कि यूक्रेन को दवाइयां, उपकरण और राहत सामग्री भी भेजी। इससे भारत का मानवीय चेहरा दुनिया के सामने आया। मोदी ने बार-बार कहा कि हर देश की सुरक्षा और स्थिरता जरूरी है। यही वजह है कि भारत पर अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और ज्यादा भरोसा किया जा रहा है।

पीएम मोदी पर दुनिया की नजर

आज पूरी दुनिया जानती है कि पीएम मोदी का कहना है—यह वक्त युद्ध का नहीं है। इसी वजह से पश्चिमी देशों से लेकर एशियाई ताकतें तक उनकी बात सुनती हैं। दुनिया मान रही है कि मोदी ही वह नेता हैं जो संवाद का माहौल बना सकते हैं। दूसरी तरफ जंग न रुकने से ट्रंप की छवि कमजोर हो रही है। पश्चिमी देशों को भी डर है कि अगर भारत-रूस-चीन साथ आए तो उनकी मुश्किलें और बढ़ेंगी।

बातचीत से हल का भरोसा

मोदी के नेतृत्व का बड़ा उदाहरण भारत-चीन सीमा विवाद है। गलवान की झड़प के बाद रिश्ते बिगड़ गए थे, लेकिन बातचीत जारी रही। कई बैठकों के बाद सेनाओं की वापसी और तनाव कम करने पर सहमति बनी। यही शैली वे अब रूस-यूक्रेन जंग में अपना रहे हैं। मोदी मानते हैं कि संवाद ही हर बड़े संकट का असली रास्ता है और यही वजह है कि दुनिया उनकी ओर उम्मीद से देख रही है।

 

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05 September 2025, 01:24 PM IST

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