ऑस्ट्रेलिया में एक बार फिर यहूदियों पर हमला, क्रिसमस की सुबह 'रब्बी' की कार में लगाई आग
ऑस्ट्रेलिया में बॉन्डी बीच पर हुई गोलीबारी की घटना के 11 दिन बाद एक बार फिर यहूदी समुदाय पर हमला हुआ. असामाजिक तत्वों द्वारा एक रब्बी की कार में आग लगाने की कोशिश की गई.

आस्ट्रेलिया: क्रिसमस की सुबह से पहले मेलबॉर्न में यहूदी समुदाय पर एक बार फिर हमला हुआ है. असामाजिक तत्वों ने एक रब्बी (यहूदी धर्म के आध्यात्मिक नेता) की कार में आग लगाने की कोशिश की, जिसे ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने गंभीर घटना के रूप में दर्ज किया है. ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इस घटना को कार की 'फायर बॉम्बिंग' नाम दिया है. वहीं, प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस मामले को संदिग्ध एंटी-सेमिटिक घटना करार दिया है.
ऑस्ट्रेलियाई पुलिस के अनुसार, गुरुवार को सुबह करीब 2.50 बजे सेंट किल्डा ईस्ट के बालाक्लावा रोड पर रब्बी के घर के ड्राइव-वे में खड़ी सिल्वर सेडान कार में आग लगाई गई. घटना में कार का दरवाजा जल गया, लेकिन कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। पुलिस एहतियात के तौर पर रब्बी और उनके परिवार को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले गई है. कार पर एक छोटा बोर्ड भी रखा गया था, जिस पर लिखा था ‘हैप्पी हनुक्का’.
क्या है 'एंटी-सेमिटिज्म'
एंटी-सेमिटिज्म का मतलब यहूदियों के प्रति घृणा, भेदभाव, पूर्वाग्रह या हिंसक रवैया होता है. इस विचारधारा में यहूदियों को दोषी ठहराना, उनके खिलाफ हिंसा या बहिष्कार करना शामिल है. ऑस्ट्रेलिया में इस तरह की घटनाएं समुदाय की सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द के लिए गंभीर चुनौती पेश कर रही हैं.
पुलिस टीम कर रही जांच
मूरैबिन क्राइम इन्वेस्टिगेशन यूनिट की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों ने कहा कि एक संभावित संदिग्ध की पहचान कर ली गई है, जो जांच में मदद कर सकता है. कार को ड्राइव-वे से हटा दिया गया, लेकिन टूटे हुए कांच अब भी घटनास्थल पर मौजूद हैं. यह घर मेलबॉर्न के यहूदी समुदाय के क्षेत्र में स्थित है और पास में एक यहूदी स्कूल भी है. घर के सामने छोटे बच्चों की साइकिल और जूतों की कतारें भी देखी गईं.
11 दिन पहले ही हुआ था हमला
यह घटना बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर को हनुक्का फेस्टिवल के दौरान हुए बंदूकधारी हमले के 11 दिन बाद हुई है, जिसमें दो बंदूकधारियों द्वारा हमला किया गया था. इस आतंकी हमले में 15 बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गवाई थी. बता दें कि यहूदियों का त्योहार हनुक्का 22 दिसंबर को खत्म हुआ था.
"नफरत को रोकना जरूरी"
प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि यहूदी समुदाय पहले से ही आतंकवादी हमले के बाद शोक में है और इस तरह की नफरत को रोकना जरूरी है. उन्होंने फेडरल अधिकारियों से मदद की पुष्टि की और स्पष्ट किया कि ऑस्ट्रेलिया में किसी भी प्रकार की धार्मिक या नस्लीय नफरत के लिए कोई जगह नहीं है.


