Israel-Hamas War: गजा में युद्ध विराम पर नहीं बनी सहमति, अमेरिका-रूस ने एक दूसरे के प्रस्ताव पर किया वीटो

Israel-Hamas War: गजा में इजरायल की बमबारी के बीच यूएनएससी बैठक में युद्धविराम पर आम सहमति नहीं बन सकी. अमेरिका ने गजा में मानवीय विराम का तो आह्वान किया लेकिन युद्ध विराम की अपील नहीं की.

Lalit Hudda
Lalit Hudda

Israel-Hamas War: गजा में जारी इजरायल की बमबारी के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में युद्धविराम पर कोई सहमति नहीं बन सकी है. संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को अमेरिका और रूस ने दो अलग-अलग प्रस्ताव पेश किए. लेकिन दोनों ही प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. अमेरिका ने रूस के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो पावर का इस्तेमाल किया तो दूसरी तरफ रूस और चीन ने भी अमेरिका के प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का उपयोग किया. 

दरअसल, यूएनएससी की बैठक में अमेरिका ने अपने प्रस्ताव में मानवीय विराम का आह्वान तो किया, लेकिन युद्धविराम की अपील नहीं की. साथ ही ये भी कहा कि यूएनएससी की ओर से पारित किसी भी प्रस्ताव में इजरायल और गजा संघर्ष के लिए हमास को दोषी ठहराया जाए. जबकि रूस का प्रस्ताव गजा में युद्धविराम पर केंद्रित था.

इस बीच अमेरिका, अल्बानिया, फ्रांस, जापान, इक्वाडोर, घाना, गैबॉन, माल्टा, स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन ने अमेरिका के पक्ष में वोटिंग की और ब्राजील और मोजाम्बिक मतदान में हिस्सा नहीं लिया है. वहीं, चीन समेत चार देशों ने रूस के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया. जबकि अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस के प्रस्ताव के​ खिलाफ वोटिंग की. करीब 9 सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव में मत​दान के लिए हिस्सा नहीं लिया है.

रूसी राजदूत ने अमेरिकी प्रस्ताव को बताया राजनीतिक 

संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज्या ने अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र के फैसलों को रोकने की कोशिश का आरोप लगाया है. ताकि गजा पर इजरायल का हमले का कोई प्रभाव न हो. साथ ही युद्धविराम का आह्वान करने में विफल होने और गजा में नागरिकों पर होने वाले हमलों की निंदा नहीं करने के लिए अमेरिका के प्रस्ताव की आलोचना भी की. रूसी राजदूत ने कहा कि अमेरिका का प्रस्ताव पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. इससे स्पष्ट होता है कि अमेरिका गजा में नागरिकों को बचाना नहीं, बल्कि अमेरिका वहां अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना चाहता हैं.  

वहीं, इजरायल के राजदूत गिलाड एर्दान ने अमेरिका और यूएन के अन्य सदस्यों के समर्थन का धन्यवाद किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका का प्रस्ताव क्रूर आतंकवादियों की निंदा करता है और सदस्य देशों को आतंक के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार देता है.

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26 October 2023, 06:36 AM IST

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